तेजस्वी सूर्या को राजस्थान पुलिस ने दौसा में रोका, जा रहे थे हिंसाग्रस्त करौली का दौरा करने
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 13, 2022 03:30 PM2022-04-13T15:30:54+5:302022-04-13T15:30:54+5:30
राजस्थान पुलिस ने दौसा में तेजस्वी सूर्या के साथ राजस्थान भाजपा के प्रमुख सतीश पुनिया और कई समर्थकों को रोका है, जो सूर्या के काफिले में सवार होकर हिंसाग्रस्त करौली में प्रदर्शन करने के लिए जा रहे थे।
दौसा: भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दक्षिण बेंगलुरु से लोकसभा के युवा सांसद तेजस्वी सूर्या को राजस्थान पुलिस ने दौसा में उस समय रोक दिया, जब वो राजस्थान के हिंसाग्रस्त करौली का दौरा करने जा रहे थे।
पुलिस ने तेजस्वी सूर्या के साथ राजस्थान भाजपा के प्रमुख सतीश पुनिया और कई समर्थकों को भी रोका है, जो सूर्या के काफिले में सवार थे। गिरफ्तारी से पहले तेजस्वी सूर्या ने एक ट्वीट करके करौली हिंसा की तस्वीर साझा करते हुए बड़ी संख्या में लोगों को करौली पहुंचने का आह्वान किया था।
चलो करौली!#ChaloKaraulipic.twitter.com/QkrhxFdjHK
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) April 13, 2022
पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से सूर्या ने पूछा कि क्या वो करौली हिंसा के खिलाफ संधर्ष करने के लिए तैयार हैं। सूर्या ने कहा कि देशहित के लिए उन्हें इस हिंसा का विरोध करना ही होगा। जिसके जवाब में कार्यकर्ताओं ने उन्हें अपना पूरा समर्थन देने की बात कही।
सूर्या ने करौली जाने के क्रम में जुड़ी भीड़ से कहा कि किसी भी कीमत पर उन्हें करौली पहुंचना है। उन्होंने कहा कि अगर उनके शांतिपूर्ण दौरा का विरोध किया जाता है या पुलिस द्वारा उन्हें करौली जाने से रोका जाता है तो वो सामूहिक तौर पर इसके विरोध में गिरफ्तारी देंगे।
सूर्या के करौली यात्रा के मद्देनजर पुलिस ने उनके काफिले को रोकने के लिए जगह-जगह बैरिकेड लगा दिये थे। सूर्या ने कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार करौली हिंसा के जिम्मेदार आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है और भाजपा के लोगों को हिंसाग्रस्त गांव में जाने से रोकने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रही है, लेकिन वो करौली जाकर रहेंगे।
वहीं सूर्या के काफिले में चल रहे कुछ समर्थकों ने पुलिस बैरिकेड को पार करने का प्रयास किया और राजस्थान की गहलोत सरकार के खिलाफ नारे भी लगाये।
मालूम हो कि करौली में बीते 2 अप्रैल को दो समुदायों के बीच हुइ हिंसा के बाद कर्फ्यू लगाना पड़ा और कानून-व्यवस्था को देखते हुए अभी भी वहां कर्फ्यू लगा हुआ है। राजस्थान सरकार को करौली में इतना बेमियादी कर्फ्यू इसलिए लगाना पड़ा क्योंकि मुस्लिम बहुल इलाके करौली से गुजर रहे हिंदू नव वर्ष की बाइक जुलूस पर कुछ उपद्रवियों द्वारा पथराव किया गया, जिसके बाद पूरे इलाके में हिंदू-मुस्लिम दंगा फैल गया और कई घरों में आगजनी के साथ तोड़फोड़ की घटनाएं भी हुईं।
इस संबंध में पुलिस का कहना बै कि जब बाइक जुलूस करौली से गुजर रहा था तो रैली में शामिल लोगों ने "भड़काऊ" नारे लगाए। जिसके बाद पथराव की स्थिति पैदा हो गई। इस पूरे घटनाक्रम में 8 पुलिसकर्मियों सहित कुल 11 घायल हो गए। उपद्रव के दौरान दुकानों और घरों को जला दिया गया, जिसके बाद लगभग एक सप्ताह से अधिक का समय होने जा रहा है, करौली में अब तक कर्फ्यू लगा हुआ है।
पुलिस ने घटना के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि विश्व हिंदू परिषद (विहिप), राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और बजरंग दल समेत कई संगठनों ने हिंदू नव वर्ष के मौके पर बाइक रैली निकाली थी। भरतपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक प्रशन कुमार खमेसरा ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि हिंसा के बाद पुलिस ने 46 लोगों को गिरफ्तार किया और सात लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
करौली हिंसा के कारण अशोक गहलोत सरकार को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि राज्य में विपक्षी दल भाजपा ने कानून-व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार का विरोध कर रही है और हिंदुओं पर हो रहे कथित अत्याचार को मुद्दा बनाने कर रहा है।