शिक्षक दिवस के लिए विशेष भाषण और निबंध, जानिए क्यों 5 सितंबर को मनाते हैं टीचर्स डे
By गुलनीत कौर | Published: September 4, 2018 02:37 PM2018-09-04T14:37:51+5:302018-09-04T14:37:51+5:30
Teacher's Day 2018 (शिक्षक दिवस 2018): भारत में हर साल 5 सितंबर को टीचर्स डे यानी शिक्षक दिवस मनाया जाता है। केवल इसी तारीख पर शिक्षक दिवस मनाने के पीछे एक खास कारण है। 5 सितंबर को ही भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन होता है।
जीवन के हर पड़ाव और उम्र पर हमे विकसित होने की जरूरत होती है और हमारे विकास के पीछे यदि किसी का सबसे बड़ा योगदान है तो वह है हमें सिखाने वाला। बचपन से जीवन में कुछ सफलता पाने तक, हमेशा शिक्षक हमारा साथ देते हैं। स्कूल से लेकर कॉलेज और फिर आगे की पढ़ाई में भी वे हमारा साथ देते हैं, हमें सही राह दिखाते हैं। 5 सितंबर यानी शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में प्रस्तुत है शिक्षक दिवस पर निबंध और भाषण:
शिक्षक दिवस पर निबंध (Teacher's Day Essay)
भारत में हर साल 5 सितंबर को टीचर्स डे यानी शिक्षक दिवस मनाया जाता है। केवल इसी तारीख पर शिक्षक दिवस मनाने के पीछे एक खास कारण है। 5 सितंबर को ही भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन होता है। वे एक महान व्यक्ति और उम्दा शिक्षक थे। उनकी याद में ही हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
यह बात 1962 की है, जब डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन देश के राष्ट्रपति बने थे। उनके इस पद पर बैठने के बाद उनके कुछ विद्यार्थियों ने 5 सितंबर को देशभर में उनका जन्मदिवस मनाने के लिए निवेदन किया। डॉ राधाकृष्णन ने अपने विद्यार्थियों का निवेदन तो स्वीकार किया, परंतु उसमें अपनी भी सोच रखी।
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि उनके जन्मदिवस को देशभर में 'शिक्षक दिवस' के रूप में मनाया जाना चाहिए। वे एक शिक्षक हैं और उन्हें इस बात की प्रसन्नता होगी अगर उनके जन्मदिन पर सभी शिक्षकों को आदर एवं सम्मान मिले। तब से लेकर आज तक 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
इसदिन स्कूलों में शिक्षकों के लिए खास आयोजन कै जाते हैं। कुछ स्कूलों में सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को इनाम भी दिए जाते हैं। भारत और राज्य सरकारों द्वारा भी हर साल शिक्षक दिवस के मौके पर साल भर मेहनत और लगन से शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर योगदान देने वाले शिक्षकों को पुरस्कृत किया जाता है।
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शिक्षक दिवस भाषण (Teacher's Day Speech):
माननीय प्रधानाचार्य, शिक्षक और मेरे सहपाठियों,
आज शिक्षक दिवस के मौके पर मैं आप सभी को एक महान शिक्षक और देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्मदिवस की बधाई देता हूं (देती हूं)। यह दिन उन्हीं की याद में देशभर के शिक्षकों के लिए खास बन जाता है। और इस खास दिन पर मैं अपने कुछ विचार आप सभी के सामने पेश करने जा रहा हूं।
शिक्षक क्या है? शिक्षक कौन है? क्या कभी आपने इसे गहराई से जाना है? रोज सुबह उठकर, तैयार होकर, समय से स्कूल या कॉलेज पहुंच जाना और फिर दिनभर रूटीन के हिसाब से विद्यार्थियों को ज्ञान देना। क्या केवल इतना ही काम होता है शिक्षक का?
शायद नहीं। एक शिक्षक का कर्तव्य केवल स्कूल या कॉलेज की दीवारों के अन्दर ही नहीं रह जाता है। एक शिक्षक भावनात्मक रूप से अपने हर विद्यार्थी से जुड़ा होता है। वह हर विद्यार्थी को बराबर का ज्ञान देता है।
हां यह सच है कि क्लास में सभी विद्यार्थी अव्वल नंबर नहीं पाते हैं। कुछ के नंबर अधिक आते हैं तो कुछ कम नंबर पाते हैं। क्योंकि हर विद्यार्थी का मनोविकास एक जैसा नहीं होता है। परिणामस्वरूप प्रदर्शन में भी अंतर आ ही जाता है।
ऐसे में माता-पिता को कभी भी शिक्षकों को अपने बच्चे के कम अंकों के पीछे कोसना नहीं चाहिए। माता-पिता, जो कि जन्म के बाद से ही अपने बच्चे के लिए एक शिक्षक का काम ही करते हैं, उन्हें आगे बढ़कर बच्चों के स्कूल और कॉलेज के शिक्षकों को भी समझना चाहिए। और समय-समय पर अपने बच्चे को शिक्षकों का सम्मान कैसे करें, इस बात की सीख देनी चाहिए।
धन्यवाद