तो क्या 'गंगा माँ का बेटा' है 'गंगापुत्र' की मौत का नैतिक जिम्मेदार? 6 साल, 2 ट्वीट और 3 पत्र से बयां होता है पूरा हाल
By आदित्य द्विवेदी | Published: October 13, 2018 10:02 AM2018-10-13T10:02:17+5:302018-10-13T10:48:50+5:30
Swami Sanand (G D Agarwal) Narendra Modi 6 years old tweet going viral: 2012 में स्वामी सानंद (जीडी अगरवाल) ने अविरल-निर्मल गंगा को लेकर उपवास किया था। उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार से कड़े फैसले लेने की अपील की थी। लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद स्वामी सानंद ने उन्हें तीन खत लिखे और जवाब के इंतजार में जीवन समाप्त हो गया।
नई दिल्ली, 13 अक्टूबरः 'अविरल-निर्मल' गंगा के लिए प्रयासरत स्वामी सानंद (पूर्व में जीडी अगरवाल) ने 11 अक्टूबर को दम तोड़ दिया। वो पिछले 111 दिनों से उपवास पर थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीन चिट्ठियां लिख चुके थे। प्रधानमंत्री की तरफ से जवाब नहीं आया। स्वामी सानंद के निधन के बाद पीएम मोदी ने एक ट्वीट करके दुख व्यक्त किया और गंगा के लिए उनके प्रयासों को याद किए जाने की बात कही।
स्वामी सानंद के निधन के बाद सोशल मीडिया पर साल 2012 का एक और ट्वीट तैर रहा है। इस ट्वीट में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा स्वच्छता के लिए उपवास पर बैठे स्वामी सानंद के स्वास्थ्य के लिए चिंता जाहिर की थी और गंगा के लिए केंद्र से ठोस कदम उठाने की अपील की थी।
2012 के अपने ट्वीट में नरेंद्र मोदी लिखते हैं, 'मैं स्वामी सानंद के अच्छे स्वास्थ्य के लिए कामना करता हूं, जोकि गंगा को 'अविरल-निर्मल' बनाने लिए आमरण अनशन पर बैठे हैं। उम्मीद है कि केंद्र गंगा को बचाने के लिए ठोस कदम उठाएगा।'
2012 में स्वास्थ्य की इतनी चिंता करने वाले नरेंद्र मोदी ने 111 दिनों से उपवास पर बैठे स्वामी सानंद के तीन खतों का जवाब क्यों नहीं दिया? स्वामी सानंद ने अपने आखिरी खत में नरेंद्र मोदी को छोटा भाई बताते हुए बेहद निराशा जाहिर की थी। यहां पढ़िए स्वामी सानंद का प्रधानमंत्री के नाम आखिरी नोट जिसमें उन्होंने भावुकता और तार्किकता के स्तर पर अपने मन की बात लिखी है।
प्रिय छोटे भाई नरेंद्र मोदी,
मैंने दो पत्र, पहला उत्तरकाशी से 24 फरवरी 2018 और दूसरा पत्र मातृ सदन हरिद्वार से 13 जून 2018 को प्रेषित कर मां गंगा जी की दुर्दशा को तुमसे बताकर कुछ आवश्वयक कार्यवाही की अपेक्षा की थी और ऐसा नहीं होने पर शुक्रवार 22 जून 2018 (गंगावतरण) दिवस से निरंतर उपवास करता हुआ प्राण त्याग देने के निश्यच का पालन करूंगा, से भी अवगत करा दिया था। दोनों पत्रों की प्रति संलग्न है। तुम्हारे द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। अतः अपने निश्यय अनुसार मैंने विगत शुक्रवार 22 जून 2018 से निरंतर उपवास मातृ सदन, हरिद्वार में शुरू कर दिया है।
तुम्हारा मां-गंगा-भक्त
बड़ा भाई
स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद
इसके चिट्ठी के साथ उन्होंने पूर्व में लिखे गए पत्र संलग्न किए जिसमें गंगा सफाई को लेकर उनके सुझाव और मांगें प्रस्तुत की गई थी। पूरा पत्र आप इस लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं- स्वामी सानंद का पीएम मोदी के नाम आखिरी खत
प्रधानमंत्री बनने के बाद स्वामी सानंद के प्रति नरेंद्र मोदी की उदासीनता पर कई लोगों ने गुस्सा जाहिर किया है। नीचे पढ़िए इस विषय पर लोगों के सोशल मीडिया रिएक्शन्स...
Swami Sanad Ji died, b4that he wrote 3-4 letters to someone? He dint replied?he dint listened? He dint did what he promised?time passed by, he dint did anything? Swami Ji died. Don't you all think that person must be charged with enticing some one to commit suicide? #SwamiSanand
— Abhishek Dubey (@Dubeyabhishek08) October 12, 2018
Who says this is the governance of hinduism or patriotism .Hopes of people are getting ruin by blind optimistic rules.
— विश्व मोहित (@vishwamohit) October 12, 2018
Demanding of a pure environment is waste because you live in that kind of country where anything would be considerable but development is not. #SwamiSanand