स्वामी प्रसाद मौर्य का सीएम आदित्यनाथ पर हमला, बोले- "ताड़ना का अर्थ बताने वाले या तो नादान हैं या जनता को नादान समझते हैं"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 26, 2023 02:58 PM2023-02-26T14:58:26+5:302023-02-26T15:01:52+5:30

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर तीखा हमला करते हुए कहा कि ताड़ना का अर्थ शिक्षा बताने वाले या तो नादान हैं या जनता को नादान समझते हैं।

Swami Prasad Maurya's attack on CM Adityanath, said- "Those who explain the meaning of chastisement are either ignorant or consider the public as innocent" | स्वामी प्रसाद मौर्य का सीएम आदित्यनाथ पर हमला, बोले- "ताड़ना का अर्थ बताने वाले या तो नादान हैं या जनता को नादान समझते हैं"

फाइल फोटो

Highlightsस्वामी प्रसाद मौर्य ने 'ताड़न' शब्द की व्याख्या के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ पर बोला तीखा हमलामौर्य ने कहा कि ताड़ना का अर्थ बताने वाले या तो नादान हैं या जनता को नादान समझते हैं।सीएम आदित्यनाथ ने शनिवार को विधानसभा में की थी 'ताड़न' शब्द की व्याख्या

लखनऊ:समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शनिवार को विधानसभा में रामचरित मानस के दोहे 'ढोल गंवार शूद्र पशु नारी, सकल ताड़न के अधिकारी' में बताए गये 'ताड़न' शब्द के अर्थ पर तीखा हमला किया है। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करके सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा की गई 'ताड़न' शब्द की व्याख्या पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा, "नारी शूद्रो न धीयताम् यानी नारी व शूद्र को पढ़ने का अधिकार नहीं। शम्बूक ने पढ़ाने का प्रयास किया तो सिर काट दिया। द्रोणाचार्य के मना करने पर एकलव्य महान धनुर्धर बना तो अंगूठा कटवा लिया, ताड़ना का अर्थ शिक्षा बताने वाले या तो नादान हैं या जनता को नादान समझते हैं।"

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह द्वारा रामचरित पर उठाये गये ऊंगली के बाद यूपी में इस मुद्दे को लेकर काफी मुखर रहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरित मानस को लगातार बैन किये जाने की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि रामचरित मानस में दोहों में कुछ जगहों पर ऐसे उद्धरण हैं, जिनसे दलितों और पिछड़ों का अपमान होता है। इस कारण रामचरित मानस का बहिष्कार किया जाना चाहिए।

वहीं इस विवाद पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में दोहे में लिखे ताड़ना शब्द की व्याख्या करते हुए ढोल गंवार 'शूद्र पशु नारी, सकल ताड़न के अधिकारी' में शूद्र का आशय जाति से नहीं है, श्रमिक वर्ग है। सीएम ने रामचरित मानस के इस दोहे के बारे में कहा कि रामचरित मानस में यह प्रसंग तब आता है, जब भगवान राम लंका जाने के लिए समुद्र से तीन दिन तक रास्ता मांगते हैं। तब श्री राम बोलते हैं कि भय बिन होय न प्रीत। लक्ष्मण जी प्रभु श्रीराम को धनुषबाण देते हैं। भगवान राम तीर का सम्मान करके समुद्र को चेतावनी देते हैं तो समुद्र खड़ा होकर कहता है कि "प्रभु भल कीन्ह मोहि सिख दीन्ही, मरजादा पुनि तुम्हारी कीन्ही। ढोल गंवार शूद्र पशु नारी, सकल ताड़न के अधिकारी"

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ढोल एक वाद्ययंत्र है, गंवार से अशिक्षित होने का आशय है जबकि शूद्र से आशय श्रमिक वर्ग का आशय है न कि किसी जाति विशेष के संबंध में इसका प्रयोग किया गया है। सीएम योगी यहीं नहीं रूके और उन्होंने विपक्षी दल सपा पर तंज कसते हुए कहा कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर भी कह चुके हैं कि दलित समाज को शूद्र न बोलो लेकिन पूरे प्रदेश को यह बात पता है कि आपने बाबा साहेब के प्रति क्या व्यवहार किया।

आपने तो उनके नाम पर बनी संस्थाओं का नाम बदल दिया। यहां तक घोषणा की थी कि अगर आप सत्ता में दोबारा आएंगे तो बाबा साहेब के स्मारकों की जगह टेंट हाउस और मैरिज हॉल खोल देंगे और आज आप सामाजिक न्याय की बात कर रहे हैं। 

Web Title: Swami Prasad Maurya's attack on CM Adityanath, said- "Those who explain the meaning of chastisement are either ignorant or consider the public as innocent"

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे