कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाएगा। गणेश चतुर्थी को लेकर सरकार ने गाइडलाइंस जारी कर दी है और लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की सलाह दी है। इस बीच सूरत के एक मूर्ति निर्माता ने कोरोना वायरस किलर गणेश की मूर्ति बनाई है और कहा कि वह इसके जरिए एक संदेश देना चाहता है।
गुजरात के सूरत के रहने वाले मूर्ति निर्माता आशीष पटेल कहते हैं, "इस मूर्ति के माध्यम से, मैं एक संदेश देना चाहता हूं कि लोगों को COVID-19 के खिलाफ सावधानी बरतनी चाहिए।"
विघ्न हर्ता भगवान गणेश की होती है पूजा
हिन्दू धर्म में गणेश चतुर्थी एक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना जाता है। हमारे शास्त्रों में भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय कहा गया है। कोई भी शुभ काम हो या किसी तरह की विपत्ति आन पड़ी हो तो सबसे पहले विघ्न हर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है। पुराणों की मानें तो गणेश चतुर्थी के दिन ही गणेश जी का जन्म हुआ था। 10 दिनों तक चलने वाले इस गणेश चतुर्थी के पर्व की धूम पूरे देश में रहती है मगर इसका असली रंग आपको महाराष्ट्र में देखने को मिलेगा। शिवपुराण में भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी को मंगलमूर्ति गणेश की अवतरण-तिथि बताया गया है जबकि गणेशपुराण के मत से यह गणेशावतार भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को हुआ था।
बीएमसी ने गणपति उत्सव के लिए जारी किया गाइडलाइन
कोविड-19 के मद्देनजर बृहन्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने खास गाइडलाइन जारी की है। बीएमसी ने कहा कि गणपति उत्सव के दौरान घरों में गणपति की स्थापना और उनके विसर्जन कार्यक्रम में केवल पांच लोग ही शामिल हो सकते हैं। नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ महामारी अधिनियम 1897, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और भादंवि की संबंधित धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बीएमसी ने लोगों से उत्सव के दौरन मास्क या शिल्ड पहनने, सामाजिक दूरी के नियम पर अमल सहित सभी सुरक्षात्मक नियमों का पालन करने को भी कहा है। साथ ही लोगों से बड़े जुलूसों में शामिल ना होने की अपील भी की है।