आयोध्या मामला : सुप्रीम कोर्ट कल सुनाएगा मध्यस्थता पर फैसला
By ज्ञानेश चौहान | Updated: March 7, 2019 18:43 IST2019-03-07T18:30:41+5:302019-03-07T18:43:02+5:30
बुधवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले पर मध्यस्थता को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

बुधवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था
सुप्रीम कोर्ट ने आयोध्या मामले में मध्यस्थता को लेकर शुक्रवार को फैसला सुनाने का निर्णय लिया है। इससे पहले बुधवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले पर मध्यस्थता को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने बुधवार को इस मुद्दे पर विभन्न पक्षों को सुना था। पीठ ने कहा था कि इस भूमि विवाद को मध्यस्थता के लिये सौंपने या नहीं सौंपने के बाद में आदेश दिया जायेगा।
Supreme Court to pronounce tomorrow whether to send the Ram Janmabhoomi-Babri Masjid land dispute case for court appointed and monitored mediation for a “permanent solution”. pic.twitter.com/UsBC2u8KE1
— ANI (@ANI) March 7, 2019
कोर्ट ने पिछले महीने 26 फरवरी को कहा था कि वह छह मार्च को आदेश देगा कि मामले को अदालत द्वारा नियुक्त मध्यस्थ के पास भेजा जाए या नहीं। हालांकि, बुधवार को सुनवाई में मध्यस्थता पर चर्चा के दौरान सभी सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने सभी पक्षों को सुना और कहा कि वे जल्द से जल्द फैसला सुनाना चाहते हैं। कोर्ट ने साथ ही मध्यस्थता पर नाम को लेकर सुझाव भी मांगे हैं।
हिंदू महासभा ने किया मध्यस्थता का विरोध
इस सुनवाई के दौरान हिंदू महासभा ने खुलकर मध्यस्थता का विरोध किया। हिंदू महासभा ने कहा कि जनता मध्यस्थता के लिए तैयार नहीं होगी। इस पर संविधान पीठ ने पूछा कि 'आप कह रहे है कि इस मसले पर समझौता नहीं हो सकता। आप इसे प्री-जज कैसे कर सके हैं।'
साथ ही बेंच ने यह भी कहा कि वे समझते हैं कि यह केवल जमीन का मुद्दा नहीं है बल्कि दिल और भावनाओं से भी जुड़ा है। दूसरी ओर से मुस्लिम पक्ष ने मध्यस्थता के लिए सहमति जताई और कहा कि जो भी फैसला इसके तहत होगा, वह मंजूर होगा। मुस्लिम पक्षकारों की ओर से अदालत में पेश हुए वकील राजीव धवन ने साथ ही कोर्ट से कहा कि बेंच मध्यस्थता के लिए दिशानिर्देश तय करे।