AAP leader Raghav Chadha: उपराष्ट्रपति धनखड़ से मिलकर बिना शर्त माफी मांगें, सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा को कहा, जानें
By सतीश कुमार सिंह | Published: November 3, 2023 12:42 PM2023-11-03T12:42:06+5:302023-11-03T13:34:49+5:30
AAP leader Raghav Chadha: उच्चतम न्यायालय ने निलंबित राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मिलकर प्रवर समिति के मुद्दे पर बिना शर्त माफी मांगने को कहा।
नई दिल्लीः आप नेता राघव चड्ढा को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने आप नेता राघव चड्ढा को सदन से उनके निलंबन के मद्देनजर राज्यसभा सभापति से मिलने और बिना शर्त माफी मांगने का सुझाव दिया है। राघव चड्ढा का निलंबन को लेकर कोर्ट ने टिप्पणी की।
Supreme Court suggests AAP leader Raghav Chadha to meet the Rajya Sabha Chairperson and seek unconditional apology, in view of his suspension from the House.
— ANI (@ANI) November 3, 2023
Supreme Court records the statements of Chadha’s lawyer that the MP has no intention to affect the dignity of the House…
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि राज्यसभा के सभापति ‘आप’ विधायक की माफी पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे और आगे का रास्ता तलाशने का प्रयास करेंगे। न्यायालय ने ‘आप’ सांसद की याचिका पर सुनवाई दिवाली की छुट्टियों के बाद निर्धारित की, अटॉर्नी जनरल से इस मामले में आगे के घटनाक्रम की जानकारी देने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने चड्ढा के वकील के बयान दर्ज किए कि सांसद का उस सदन की गरिमा को प्रभावित करने का कोई इरादा नहीं है, जिसके वह सदस्य हैं और वह राज्यसभा अध्यक्ष से मिलने का समय मांगेंगे ताकि वह बिना शर्त माफी मांग सकें। कोर्ट का कहना है कि सदन के तथ्यों और परिस्थितियों की पृष्ठभूमि में सभापति माफी पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर सकते हैं।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से दिवाली की छुट्टियों के बाद मामले संबंधी आगे के घटनाक्रम से उसे अवगत कराने को कहा।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि चड्ढा को इस मामले पर बिना शर्त माफी मांगने के लिए राज्यसभा के सभापति से मिलना होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि उपराष्ट्रपति इस पूरे मामले पर सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाएंगे और इस संबंध में आगे कदम उठाएंगे।
चड्ढा 11 अगस्त से उस समय से निलंबित हैं जब कुछ सांसदों ने आरोप लगाया था कि ‘आप’ नेता ने उनकी सहमति के बिना एक प्रस्ताव में उनका नाम जोड़ा। आरोप लगाने वाले अधिकतर सांसद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता हैं। प्रस्ताव में विवादास्पद दिल्ली सेवा विधेयक की पड़ताल के लिए एक प्रवर समिति के गठन की मांग की गई थी।