सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में 'शिलॉन्ग टाइम्स' की संपादक को दोषी ठहराने के फैसले पर रोक लगाई
By भाषा | Published: March 15, 2019 02:11 PM2019-03-15T14:11:34+5:302019-03-15T14:17:04+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मेघालय उच्च न्यायालय के उस फैसले पर रोक लगा दिया जिसमें 'द शिलॉन्ग टाइम्स' अखबार की संपादक पेट्रीशिया मुखीम और प्रकाशक शोभा चौधरी को अवमानना के एक मामले में दोषी ठहराया गया था। शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के फैसले के कार्यान्वयन पर भी रोक लगा दी।
इस फैसले में उच्च न्यायालय ने अखबार की संपादक एवं प्रकाशक पर दो-दो लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया था। यह मामला अखबार में प्रकाशित एक लेख से संबंधित है। यह लेख सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और उनके परिवारों को दिए जाने वाले वित्तीय लाभ और सुविधाओं को लेकर था। उच्च न्यायालय ने यह भी अपने फैसले में कहा था कि अगर अखबार की संपादक एवं प्रकाशक जुर्माने की राशि देने में असफल रहती हैं तो उन्होंने छह माह कैद की सजा काटनी होगी और अखबार पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
भारत के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने अखबार की संपादक एवं प्रकाशक की ओर से दाखिल अपील पर उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को नोटिस भी जारी किया। उच्च न्यायालय ने आठ मार्च को ‘‘द शिलांग टाइम्स’’ की संपादक एवं प्रकाशक को अवमानना के मामले में अदालत की कार्रवाई चलने तक अदालत कक्ष के एक कोने में बैठे रहने की सजा दी थी।