दिल्ली नरक से भी बदतर, भारत में जीवन इतना सस्ता, आपको कुर्सी पर बैठने का कोई अधिकार नहीं, प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 25, 2019 15:26 IST2019-11-25T14:52:23+5:302019-11-25T15:26:21+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को चार राज्यों के सचिव को इस मुद्दे पर कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है। यही नहीं राज्यों से उठाए जाने वाले कदम की भी जानकारी मांगी गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण के मामले में पंजाब के मुख्य सचिव से पूछा-फसल जलाने से किसानों को रोकने के लिए आपके द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं
दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में बढ़ते प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने पर प्रतिबंध के उसके आदेश के बावजूद पंजाब में इसे जलाए जाने का गंभीरता से संज्ञान लिया।
उच्चतम न्यायालय ने न्यायिक आदेशों के बावजूद पराली जलाने की घटनाएं होने पर सोमवार को पंजाब और हरियाणा को आड़े हाथों लिया और कहा कि वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली के लोगों को मरने के लिये नहीं छोड़ा जा सकता।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने पराली जलाने पर प्रतिबंध के बाजवूद इन दो राज्यों में यह सिलसिला जारी रहने पर कड़ा रुख अपनाया ओर कहा कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की वजह से लोगों का ‘दम घुट’ रहा है और लाखों लोगों की उम्र घट रही है। पीठ ने कहा, ‘‘क्या आप लोगों से इस तरह व्यवहार करेंगे और उन्हें प्रदूषण के कारण जान गंवाने देंगे।’’
पीठ ने कहा कि दिल्ली के लोगों को प्रदूषण की वजह से मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता। पंजाब के मुख्य सचिव से पूछा है कि फसल जलाने से किसानों को रोकने के लिए आपके द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं। उन्होंने आगे फटकार लगाते हुए सचिव को कहा , "आप इस तरह से लोगों के साथ कैसे व्यवहार कर सकते हैं और उन्हें मरने दे सकते हैं।"
हम ‘‘वास्तव में इस बात से हैरान’’ हैं कि दिल्ली में जल प्रदूषित है और आरोप-प्रत्यारोप का खेल चल रहा है, यह क्या हो रहा है। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में जल प्रदूषण का गंभीरता से संज्ञान लिया और कहा कि लोगों को शुद्ध जल पाने का अधिकार है। दिल्ली में जल और वायु प्रदूषण के मुद्दों पर ‘‘आरोप-प्रत्यारोप’’ के लिए उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकारों की आलोचना की। पराली जलाने पर रोक लगाने के आदेश के बावजूद हरियाणा में ऐसी घटनाएं बढ़ने को लेकर उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार को फटकार लगाई।
जस्टिस अरुण मिश्रा का कहना है कि दिल्ली नरक से भी बदतर है। भारत में जीवन इतना सस्ता नहीं है और आपको भुगतान करना होगा। दिल्ली सरकार से कहता है- आपको कुर्सी पर बैठने का कोई अधिकार नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति को कितने लाख का भुगतान किया जाना चाहिए? आप किसी व्यक्ति के जीवन को कितना महत्व देते हैं?
Delhi Chief Secy tells SC- Delhi is facing 'governance problem' due to 2 power centres-Delhi govt&Centre. SC directs Centre & Delhi govt 'to keep their differences aside' and sit together &finalise plan within 10 days for setting up air purifying towers in different parts of city
— ANI (@ANI) November 25, 2019
इसके साथ ही उन्होंने पंजाब के चीफ सेक्रेटरी से यह भी पूछा कि आप बताएं कि हमारे आदेश के बाद प्रदेश में फसल जलाने की संख्या में वृद्धि क्यों बढ़ गई है? आप स्टबल बर्निंग की जांच क्यों नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने मुख्य सचिव से कहा, "क्या इसे आपकी विफलता के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए?"
Pollution matter in Supreme Court: Justice Arun Mishra says Delhi is worse than hell. Life is not so cheap in India and you will have to pay; says to Delhi govt- You have no right to be in chair. How many lakhs each person should be paid? How much do you value a person's life? https://t.co/n7N7mxDRvb
— ANI (@ANI) November 25, 2019
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) से भी कहा कि दिल्ली की फैक्ट्री से निकले वाले प्रदूषण से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में आप जानकरी दें। आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली व आसपास के क्षेत्र में हवा में मौजूद प्रदूषक कणों की मात्रा घटने के बजाय ज्यों की त्यों बनी हुई है।
Supreme Court says that it will take suo motu cognisance of water pollution issue in national capital to verify whether the drinking water is safe or not for the people and asks Centre and Delhi government to come back with all relevant statistics pic.twitter.com/RxG9a4O5ti
— ANI (@ANI) November 25, 2019
इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को चार राज्यों के सचिव को इस मुद्दे पर कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है। यही नहीं राज्यों से उठाए जाने वाले कदम की भी जानकारी मांगी गई है। जानकाी के लिए आपको बता दें कि हरियाणा, पंजाब,दिल्ली के अलावा यूपी के मुख्य सचिव को कोर्ट ने पेश होने के लिए कहा है।
Pollution matter in Supreme Court: Justice Arun Mishra says- People are laughing at our country that we can't even control stubble burning. Blame game is not serving the people of Delhi. You people will play the blame game, not taking it (pollution) seriously. https://t.co/ys4Eq1BtJf
— ANI (@ANI) November 25, 2019
कोर्ट में भारत सरकार का पक्ष रखते हुए तुषार मेहता ने कहा कि आरोप प्रत्यारोप के चक्कर में आप दिल्ली के लोगों को गैस चेंबर में रहने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं।