सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला- सभी महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात का अधिकार, विवाहित और अविवाहित में भेद असंवैधानिक

By विनीत कुमार | Published: September 29, 2022 11:24 AM2022-09-29T11:24:47+5:302022-09-29T13:21:32+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने भारत में गर्भपात को लेकर विवाहित और अविवाहित महिलाओं के बीच के भेद को मिटाते हुए कहा है कि सभी महिलाओं को 24 हफ्ते के भीतर अनचाहे गर्भ को गिराने का अधिकार है।

Supreme Court says All women entitled to safe, legal abortion, distinction between married, unmarried unconstitutional | सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला- सभी महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात का अधिकार, विवाहित और अविवाहित में भेद असंवैधानिक

देश में सभी महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात का अधिकार: सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

Highlightsमेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी कानून के दायरे से अविवाहित महिला को बाहर रखना असंवैधानिक: सुप्रीम कोर्टमहिला शादीशुदा हो या नहीं हो, उसे सुरक्षित और कानूनी तरीके से अबॉर्शन कराने का अधिकार है: सुप्रीम कोर्टकोर्ट ने कहा- विवाहित महिला को जबरन गर्भवती करना भी MTP एक्ट के तहत रेप माना जा सकता है।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि देश में सभी महिलाओं को सुरक्षित और कानूनी रूप से मान्य गर्भपात का अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि अविवाहित महिलाओं को भी गर्भपात का अधिकार है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि किसी महिला की वैवाहिक स्थिति उसे उसके अनचाहे गर्भ को गिराने के अधिकार से नहीं रोक सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सिंगल और अविवाहित महिलाओं के पास मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट (MTP) के तहत 24 हफ्ते के भीतर गर्भपात कराने का आधिकार है।

कोर्ट ने कहा कि भारत में गर्भपात कानून के तहत विवाहित और अविवाहित महिलाओं में भेद नहीं किया गया है। ऐसा करना असंवैधानिक होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विवाहित और अविवाहित के बीच भेदभाव उस रूढ़िवादी सोच को बढ़ावा देता है कि केवल विवाहित महिलाएं ही यौन संबंध बना सकती हैं।

साथ ही कोर्ट ने कहा कि किसी विवाहित महिला को जबरन गर्भवती करना भी मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी ऐक्ट के तहत रेप माना जा सकता है।


जस्टिस डी. वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने एमटीपी अधिनियम की व्याख्या पर फैसला सुनाते हुए कहा कि चाहे महिला विवाहित हो या अविवाहित, वह गर्भावस्था के 24 सप्ताह तक वह गर्भपात करा सकती हैं।

पीठ ने 23 अगस्त को एमटीपी अधिनियम के प्रावधानों की व्याख्या पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें विवाहित और अविवाहित महिलाओं के 24 सप्ताह की गर्भावस्था तक गर्भपात कराने को लेकर अलग-अलग प्रावधान हैं।

Web Title: Supreme Court says All women entitled to safe, legal abortion, distinction between married, unmarried unconstitutional

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