लाइव न्यूज़ :

सुप्रीम कोर्ट का चुनावी बांड योजना पर अंतरिम रोक लगाने से इंकार, मोदी सरकार और निर्वाचन आयोग से मांगा जवाब

By भाषा | Updated: January 20, 2020 15:40 IST

ये चुनावी बांड प्राप्त करने की प्राप्त सिर्फ उन्हें राजनीतिक दलों को होगी जो जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 29ए के तहत पंजीकृत हैं और उन्हें पिछले लोकसभा चुनाव या विधान सभा चुनाव में कुल मतदान का एक प्रतिशत से कम मत नहीं मिले हैं।

Open in App
ठळक मुद्दे अधिसूचना के अनुसार राजनीतिक दल अधिकृत बैंक में खाते के माध्यम से ही इन चुनावी बांड को भुनाने के योग्य होंगे। कोई व्यक्ति अकेले या संयुक्त रूप से चुनावी बांड खरीद सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को चंदा देने के मकसद से शुरू हुयी चुनावी बांड योजना पर रोक लगाने के लिये दायर अर्जी पर सोमवार को केन्द्र और निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा लेकिन उसने इस योजना पर अंतरिम रोक लगाने से इंकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने गैर सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स’ के आवेदन पर केन्द्र और निर्वाचन आयोग से दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।

इस संगठन की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि इस योजना का मतलब बगैर हिसाब किताब वाले काले धन को सत्तारूढ़ दल के पक्ष में देना है। उन्होंने इस योजना पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुये भारतीय रिजर्व बैंक के एक दस्तावेज का भी जिक्र कया। पीठ ने कहा, ‘‘हम इसे देखेंगे। हम इस मामले को दो सप्ताह बाद सूचीबद्ध कर रहे हैं।’’ निर्वाचन आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा कि ये सभी दलीलें पहले दी जा चुकी हैं।

उन्होंने कहा कि इस योजना के खिलाफ गैर सरकारी संगठन के आवेदन पर जवाब देने के लिये चार सप्ताह का समय दिया जाये। सरकार ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान दस दिन के लिये चुनावी बांड की बिक्री खोली है। सरकार ने दो जनवरी, 2018 को चुनावी बांड योजना अधिसूचित की थी। इस योजना के प्रावधानों के अनुसार कोई भी भारतीय नागरिक या प्रतिष्ठान चुनावी बांड खरीद सकता है। कोई व्यक्ति अकेले या संयुक्त रूप से चुनावी बांड खरीद सकता है।

ये चुनावी बांड प्राप्त करने की प्राप्त सिर्फ उन्हें राजनीतिक दलों को होगी जो जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 29ए के तहत पंजीकृत हैं और उन्हें पिछले लोकसभा चुनाव या विधान सभा चुनाव में कुल मतदान का एक प्रतिशत से कम मत नहीं मिले हैं। अधिसूचना के अनुसार राजनीतिक दल अधिकृत बैंक में खाते के माध्यम से ही इन चुनावी बांड को भुनाने के योग्य होंगे। 

टॅग्स :सुप्रीम कोर्टमोदी सरकारचुनाव आयोग
Open in App

संबंधित खबरें

भारत32000 छात्र ले रहे थे शिक्षा, कामिल और फाजिल की डिग्रियां ‘असंवैधानिक’?, सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद नए विकल्प तलाश रहे छात्र

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो के उड़ानों के रद्द होने पर राहुल गांधी ने किया रिएक्ट, बोले- "सरकार के एकाधिकार मॉडल का नतीजा"

भारतSIR Update 2025: वोटर लिस्ट में कैसे चेक करें अपना E-EPIC नंबर और नाम, इन स्टेप्स को करें फॉलो

भारत'अमित शाह ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन का आधार तैयार करने के लिए SIR का इस्तेमाल किया', ममता बनर्जी ने लगाया आरोप

भारतUP: बूथ पर बैठकर मंत्री और विधायक SIR का फार्म भरवाए, सीएम योगी ने दिए निर्देश, राज्य में 15.44 करोड़ मतदाता, पर अभी तक 60% से कम ने फार्म भरे गए

भारत अधिक खबरें

भारतमहाराष्ट्र शीतकालीन सत्र: चाय पार्टी का बहिष्कार, सदनों में विपक्ष के नेताओं की नियुक्ति करने में विफल रही सरकार

भारतगोवा अग्निकांड: मजिस्ट्रियल जांच के आदेश, सीएम प्रमोद सावंत ने ₹5 लाख मुआवज़े की घोषणा की

भारतसतत निगरानी, सघन जांच और कार्रवाई से तेज़ी से घटा है नक्सली दायरा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भारतयूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में योगी सरकार लाएगी 20,000 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट, 15 दिसंबर हो सकता है शुरू

भारतकांग्रेस के मनीष तिवारी चाहते हैं कि सांसदों को संसद में पार्टी लाइन से ऊपर उठकर वोट देने की आजादी मिले, पेश किया प्राइवेट मेंबर बिल