लोगों की असहिष्णुता के कारण डाबर को विज्ञापन वापस लेना पड़ा: जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़

By विशाल कुमार | Published: November 1, 2021 04:00 PM2021-11-01T16:00:38+5:302021-11-01T16:06:39+5:30

डाबर इंडिया लिमिटेड के उत्पाद फेम क्रीम ब्लीच के विज्ञापन में एक समलैंगिक महिला जोड़े को करवा चौथ मनाते हुए दिखाया गया था. विज्ञापन को सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग के साथ ही मध्य प्रदेश के गृहमंत्री से कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी गई थी.

supreme-court-justice-dy-chandrachud-dabur-ad-pulled-on-ground-of-public-intolerance | लोगों की असहिष्णुता के कारण डाबर को विज्ञापन वापस लेना पड़ा: जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़. (फोटो: एएनआई)

Highlightsडाबर ने समलैंगिक महिला जोड़े को करवा चौथ मनाते हुए दिखाया था.जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आज कानून के आदर्शों और समाज की वास्तविक स्थिति के बीच बहुत अंतर है.संविधान में भारत में गहरी असमानताओं और पितृसत्ता के लिए उपाय हैं.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को सामाजिक असमानता और जमीनी हकीकत के बीच अंतर को दूर करने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि समलैंगिक दंपति को दिखाने वाला डाबर का विज्ञापन लोगों की असहिष्णुता के कारण वापस लिया गया.

दरअसल, डाबर इंडिया लिमिटेड के उत्पाद फेम क्रीम ब्लीच के विज्ञापन में एक समलैंगिक महिला जोड़े को करवा चौथ मनाते हुए और एक-दूसरे को छलनी से देखते हुए दिखाया गया था.

विज्ञापन को सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग के साथ ही मध्य प्रदेश के गृहमंत्री से कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी गई थी.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के लिए कानूनी जागरुकता पर आधारित एक कार्यक्रम बोलते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि वास्तविक जीवन के हालात दिखाते हैं कि आज कानून के आदर्शों और समाज की वास्तविक स्थिति के बीच बहुत अंतर है.

उन्होंने कहा कि दो दिन पहले ही आप सभी को उस विज्ञापन के बारे में पता होगा जिसे कंपनी को हटाना पड़ा. यह एक समलैंगिक जोड़े के करवा चौथ का विज्ञापन था। सार्वजनिक असहिष्णुता के कारण इसे वापस लेना पड़ा.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने जोर देकर कहा कि संविधान में भारत में गहरी असमानताओं और पितृसत्ता के लिए उपाय हैं. उन्होंने कहा कि हर दिन महिलाओं के खिलाफ अन्याय के मामले सामने आते रहते हैं.

उनके अनुसार, महिलाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता वास्तव में सार्थक हो सकती है यदि यह जागरूकता पुरुषों की युवा पीढ़ी में पैदा की जाए.

बता दें कि, सितंबर, 2018 में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने समलैंगिक यौन संबंधों को अपराध के दायरे से मुक्त कर दिया था. इन पांच जजों में से एक जस्टिस चंद्रचूड़ थे.

विज्ञापनों में अलग-अलग धर्मों को दिखाने पर लगातार हो रहे विवाद

डाबर के बाद रविवार को ही फैशन डिजाइनर सब्यसाची को भी सोशल मीडिया पर आलोचनाओं, भाजपा नेताओं की धमकी, कानूनी नोटिस और मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की कानूनी कार्रवाई की चेतावनी के बाद अपना मंगलसूत्र का विज्ञापन वापस लेना पड़ा.

इससे पहले ही दिवाली को जश्न-ए-रिवाज कहने पर फैबइंडिया को भी अपना विज्ञापन वापस लेना पड़ा था. पिछले साल ज्वेलरी ब्रांड तनिष्क और इस साल कपड़ों के ब्रांड मान्यवर को भी भारी आलोचनाओं के बाद अपने विज्ञापन वापस लेने पड़े थे.

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