महिलाओं की मस्जिदों में एंट्री की अनुमति को लेकर SC ने सरकार सहित मुस्लिम संगठनों को जारी किया नोटिस, मांगा जवाब
By रामदीप मिश्रा | Published: April 16, 2019 12:05 PM2019-04-16T12:05:33+5:302019-04-16T12:07:27+5:30
याचिका दायर करने वाले मुस्लिम जोड़े ने दलील है कि महिलाओं को मस्जिद में प्रवेश न देना संविधान के तहत दिए गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। वहीं, पुरुषों की तरह महिलाओं का भी इबादत करने का संवैधानिक अधिकार है।
मुस्लिम महिलाओं को मस्जिदों में नमाज पढ़ने की अनुमति देने के मामले में दायर की गई याचिका पर मंगलवार (16 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार, राष्ट्रीय महिला आयोग, सेंट्रल वक्फ काउंसिल और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
यह याचिका पुणे स्थित एक दंपति द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी, जिसमें कहा गया है कि महिलाओं को भी मस्जिदों में नमाज पढ़ने की अनुमति मिलनी चाहिए। साथ ही साथ सर्वोच्च अदालत में याचिका के जरिए मांग की गई कि मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को गैरकानूनी और असंवैधानिक माना जाए।
याचिका दायर करने वाले मुस्लिम जोड़े ने दलील है कि महिलाओं को मस्जिद में प्रवेश न देना संविधान के तहत दिए गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। वहीं, पुरुषों की तरह महिलाओं का भी इबादत करने का संवैधानिक अधिकार है।
The petition filed in SC by a Pune based couple also seeks direction to declare the prohibition on entry of Muslim women into mosques in the country “illegal and unconstitutional” as it violates of women’s fundamental rights. https://t.co/Mn7gWTmBXV
— ANI (@ANI) April 16, 2019
याचिकाकर्ता ने इसे लैंगिक भेदभाव बताया है और कहा है कि पवित्र शहर मक्का में भी महिलाओं और पुरुषों के बीच इस तरह का कोई भेदभाव नहीं होता है। बता दें, सुन्नी मत को मानने वाले मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध है।