'तीन तलाक' पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को नोटिस भेजकर मांगा जवाब, जानें पूरा मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 23, 2019 11:26 AM2019-08-23T11:26:20+5:302019-08-23T11:26:20+5:30
तीन तलाक कानून की वैधता को चुनौती देते हुये सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दायर की गयी हैं। इन्हीं पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक पर लागू किए गए नए कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार से प्रतिक्रिया मांगी है। इससे पहले मुस्लिम समुदाय में तीन तलाक को दंडात्मक अपराध बनाने वाले कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय विचार करने के लिए सहमति जताई थी। गौरतलब है कि तीन तलाक कानून की वैधता को चुनौती देते हुये सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दायर की गयी हैं।
इस कानून के तहत ऐसा करने के जुर्म में दोषी को तीन साल तक की कैद की सजा हो सकती है। इस कानून की वैधता को चुनौती देने वाली नयी याचिका जमीयत उलमा-ए-हिन्द ने दायर की है।
याचिका में कहा गया है कि इस कानून से संविधान के प्रावधानों का कथित रूप से उल्लंघन होता है। याचिका में मुस्लिम महिला (विवाह में अधिकारों का संरक्षण) कानून, 2019 को अंसवैधानिक घोषित करने का अनुरोध किया गया है।
Supreme Court issues notice to Central government after hearing three petitions which had challenged the constitutional validity of 'The Muslim Women (Protection of Rights on Marriage) Act, 2019 (Triple Talaq law) pic.twitter.com/CycmQRc3x3
— ANI (@ANI) August 23, 2019
वकील एजाज मकबूल के माध्यम से दायर इस याचिका में दावा किया गया है कि चूंकि मुस्लिम शौहर द्वारा बीवी को इस तरह से तलाक देने को पहले ही ‘अमान्य और गैरकानूनी’ घोषित किया जा चुका है, इसलिए इस कानून की कोई जरूरत नहीं है।
इससे पहले, केरल में सुन्नी मुस्लिम विद्वानों और धार्मिक नेताओं के संगठन ‘समस्त केरल जमीयुल उलेमा’ ने इस कानून को असंवैधानिक घोषित करने का अनुरोध करते हुये इसकी संवैधानिकता को चुनौती दी थी।
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर