नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (07 फरवरी) को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में एक गैर सरकारी संगठन ने नागरिकता (संशोधन) कानून, 2019 को चुनौती देते हुए दावा किया था कि यह संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है तथा इसे दरकिनार किए जाने की जरूरत है।
एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (एपीसीआर) और अन्य द्वारा दायर याचिका में केंद्र को यह निर्देश देने की भी मांग की गई थी कि वह राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) तैयार न करे। एनजीओ ने सीएए पर अंतरिम स्थगन की भी मांग करते हुए कहा कि इसके अपरिवर्तनीय परिणाम होंगे क्योंकि एक बार नागरिकता दिए जाने के बाद इसे पलटा नहीं जा सकेगा और किसी व्यक्ति को पूर्व प्रभाव से राष्ट्रहीन नहीं ठहराया जा सकता भले ही बाद में विवादित कानून और अधिसूचना को असंवैधानिक ठहरा दिया जाए।