अनिल अंबानी को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'एरिक्सन को 4 हफ्ते में नहीं लौटाये 453 करोड़ तो जाना होगा जेल'
By विनीत कुमार | Published: February 20, 2019 11:03 AM2019-02-20T11:03:55+5:302019-02-20T11:03:55+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस कम्यूनिकेशन के चेयरमैन अनिल अंबानी को कोर्ट की अवमानना का दोषी पाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस कम्यूनिकेशन के चेयरमैन अनिल अंबानी और दो अन्य निदेशकों को एरिक्सन इंडिया की ओर से दायर याचिका के मामले में कोर्ट की अवमानना का दोषी पाया है। कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई में कहा कि अगर अनिल अंबानी 453 करोड़ रुपये का बकाया एरिक्सन को चार हफ्ते में नहीं लौटाते हैं तो उन्हें तीन महीने के लिए जेल जाना पड़ सकता है।
इस सुनवाई के दौरान अनिल अंबानी कोर्ट में मौजूद थे। कोर्ट ने एक-एक करोड़ का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने कहा कि अगर जुर्माने की राशि एक महीने में जमा नहीं कराई जाती है तो इन्हें एक महीने की जेल की सजा भी भुगतनी पड़ेगी। अनिल अंबानी के अलावा दो अन्य निदेशक रिलायंस टेलिकॉम के चेयरमैन सतीश सेठ और रिलायंस इंफ्राटेल के चेयरपर्सन छाया विरानी हैं।
टेलीकॉम उपकरण निर्माता एरिक्सन की तरफ से दायर तीन अवमानना याचिकाओं पर जस्टिस आर एफ नरीमन और विनीत सरन की पीठ ने 13 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। एरिक्सन ने रिलायंस कम्यूनिकेशन पर 550 करोड़ के बकाया का आरोप लगाया था।
Supreme Court says Anil Ambani & 2 directors have to pay Rs 453 Cr to Ericsson India within 4 weeks & if they fail to pay the amount, three months' jail term will follow. SC also imposed a fine of Rs 1 cr each on them, if not deposited within a month, 1-month jail will be awarded https://t.co/5PG6OsD2j3
— ANI (@ANI) February 20, 2019
एरिक्सन इंडिया ने आरोप लगाया था कि रिलायंस ग्रुप के पास राफेल विमान सौदे में निवेश के लिये रकम है लेकिन वे उसके 550 करोड़ के बकाये का भुगतान करने में असमर्थ हैं। अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी ने इस आरोप से इनकार किया था।
अंबानी ने उस सुनवाई में कोर्ट को बताया कि बड़े भाई मुकेश अंबानी ने नेतृत्व वाली रिलायंस जियो के साथ संपदा की बिक्री का सौदा विफल होने के बाद उनकी कंपनी दिवालियेपन के लिये कार्यवाही कर रही है ऐसे में रकम पर उसका नियंत्रण नहीं है।
रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने साथ ही कोर्ट को बताया था कि उसने एरिक्सन के बकाये का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए 'जमीन आसमान एक कर दिये' लेकिन वह रकम नहीं चुका पाया क्योंकि जियो के साथ उसका सौदा नहीं हो पाया।
यह अवमानना याचिका अंबानी, रिलायंस टेलीकॉम के अध्यक्ष सतीश सेठ, रिलायंस इंफ्राटेल की अध्यक्ष छाया विरानी और एसबीआई अध्यक्ष के खिलाफ दायर की गई थी।
(भाषा इनपुट)