उच्चतम न्यायालयः गर्मी की छुट्टियों में जूनियर को मौका दीजिए?, बहस से दूर रहे वरिष्ठ वकील, न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 28, 2025 17:19 IST2025-05-28T17:18:26+5:302025-05-28T17:19:19+5:30

Supreme Court: हाल में प्रकाशित ‘2025 उच्चतम न्यायालय कैलेंडर’ के अनुसार, आंशिक न्यायालय कार्य दिवस 26 मई, 2025 से शुरू होंगे और 14 जुलाई, 2025 को समाप्त होंगे।

Supreme Court Give juniors chance during summer vacations Senior lawyers stayed away debate said bench Justice BV Nagarathna and Justice Satish Chandra Sharma | उच्चतम न्यायालयः गर्मी की छुट्टियों में जूनियर को मौका दीजिए?, बहस से दूर रहे वरिष्ठ वकील, न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा

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Highlightsवकील राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) के एक आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर पेश हुए थे।‘‘अवकाशकालीन न्यायाधीश’’ शब्द की जगह अब ‘‘न्यायाधीश’’ का प्रयोग किया गया है। प्रधान न्यायाधीश द्वारा महत्वपूर्ण और जरूरी मामलों की सुनवाई के लिए ‘‘अवकाश पीठ’’ स्थापित की जाती थी।

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वरिष्ठ वकीलों को गर्मी की छुट्टियों के दौरान मामलों पर बहस नहीं करनी चाहिए। न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि कनिष्ठ वकीलों को छुट्टियों के दौरान अवसर मिलने चाहिए। पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी, अभिषेक मनु सिंघवी और नीरज किशन कौल से कहा, ‘‘वरिष्ठ वकीलों को इन आंशिक कार्य दिवसों के दौरान मामलों पर बहस नहीं करनी चाहिए।’’ ये वकील राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) के एक आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर पेश हुए थे।

इस संबंध में एक वकील ने मामले का उल्लेख करते हुए स्थगन का अनुरोध किया क्योंकि वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान उपलब्ध नहीं थे। शीर्ष अदालत ने अपनी पारंपरिक गर्मी की छुट्टियों के दौरान अवकाशकालीन पीठ को ‘‘आंशिक अदालती कार्य दिवस’’ ​​के रूप में नया नाम दिया है। यह घटनाक्रम उच्चतम न्यायालय नियम, 2013 में संशोधन का हिस्सा था।

जो अब उच्चतम न्यायालय (द्वितीय संशोधन) नियम, 2024 बन गया है। अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘अदालत के आंशिक कार्य दिवसों की अवधि और न्यायालय तथा न्यायालय के कार्यालयों के लिए अवकाश की संख्या इस तरह से होगी कि यह रविवार को छोड़कर छुट्टियों की संख्या 95 दिनों से अधिक नहीं हो। इसे प्रधान न्यायाधीश द्वारा निर्धारित किया जाएगा।

आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचित किया जाएगा।’’ मौजूदा व्यवस्था के अनुसार उच्चतम न्यायालय हर साल गर्मी और सर्दी की छुट्टियां लेता है। हालांकि, इन अवधि के दौरान शीर्ष अदालत पूरी तरह से बंद नहीं रहती है। गर्मियों के दौरान, प्रधान न्यायाधीश द्वारा महत्वपूर्ण और जरूरी मामलों की सुनवाई के लिए ‘‘अवकाश पीठ’’ स्थापित की जाती थी।

विशेष रूप से नए संशोधित नियमों में ‘‘अवकाशकालीन न्यायाधीश’’ शब्द की जगह अब ‘‘न्यायाधीश’’ का प्रयोग किया गया है। हाल में प्रकाशित ‘2025 उच्चतम न्यायालय कैलेंडर’ के अनुसार, आंशिक न्यायालय कार्य दिवस 26 मई, 2025 से शुरू होंगे और 14 जुलाई, 2025 को समाप्त होंगे।

उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने चार उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के तबादले की सिफारिश की

उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने राजस्थान, त्रिपुरा, झारखंड और मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों के स्थानांतरण की सिफारिश की है। भारत के प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने 26 मई को हुई बैठक में स्थानांतरण की सिफारिश करने का निर्णय लिया।

शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि न्यायमूर्ति मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव को राजस्थान से मद्रास उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया गया है, जबकि न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह को त्रिपुरा से तेलंगाना उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया गया है।

प्रस्ताव के अनुसार, न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव को झारखंड से त्रिपुरा उच्च न्यायालय तथा न्यायमूर्ति केआर श्रीराम को मद्रास से राजस्थान उच्च न्यायालय भेजा गया है। कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति ताड़कमल्ला विनोद कुमार को तेलंगाना उच्च न्यायालय से मद्रास उच्च न्यायालय स्थानांतरित करने की भी सिफारिश की है।

सत्रह नवंबर 1964 को जन्मे न्यायमूर्ति कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नलगोंडा जिले के सूर्यपेट में और उसके बाद हैदराबाद में ग्रहण की। उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय से कला स्नातक और एल.एल.बी. की डिग्री प्राप्त की। न्यायमूर्ति कुमार ने 1988 में आंध्र प्रदेश विधिज्ञ परिषद (आंध्र प्रदेश बार काउंसिल) में वकील के रूप में नामांकन कराया और वरिष्ठ अधिवक्ता रवि के चैंबर से जुड़े।

उन्हें 2015 में आयकर संबंधी वरिष्ठ स्थायी अधिवक्ता और 2016 में वाणिज्यिक कर संबंधी विशेष स्थायी अधिवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया तथा पदोन्नति तक वह इस पद पर बने रहे। न्यायमूर्ति कुमार को तेलंगाना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 26 अगस्त, 2019 को शपथ दिलाई गई।

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