SC कोलेजियम का फैसला- जस्टिस केएम जोसेफ ही बनेंगे सुप्रीम कोर्ट के जज, मोदी सरकार ने वापस किया था नाम

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: July 20, 2018 06:12 PM2018-07-20T18:12:51+5:302018-07-20T18:18:00+5:30

सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम में सर्वोच्च अदालत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा समेत शीर्ष पाँच न्यायाधीश शामिल होते हैं। कोलेजियम ही सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए नाम प्रस्तावित करता है।

Supreme Court Collegium re recommended justice km joseph name for supreme court justice | SC कोलेजियम का फैसला- जस्टिस केएम जोसेफ ही बनेंगे सुप्रीम कोर्ट के जज, मोदी सरकार ने वापस किया था नाम

SC कोलेजियम का फैसला- जस्टिस केएम जोसेफ ही बनेंगे सुप्रीम कोर्ट के जज, मोदी सरकार ने वापस किया था नाम

नई दिल्ली, 20 जुलाई:  सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने शुक्रवार को उत्तराखण्ड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस केएम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाने के लिए फिर से अनुमोदित किया है। इस साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने जब जस्टिस केएम जोसेफ का नाम सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाने के लिए अनुमोदित किया तो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय से जस्टिस जोसेफ के नाम पर दोबारा विचार करने का अनुरोध किया था।  केंद्रीय मंत्री कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने वरिष्ठता और विविधता के आधार पर जस्टिस जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाने का विरोध किया था।

सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम में सर्वोच्च अदालत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा समेत पाँच सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम के सभी न्यायाधीश 11 मई को सैद्धांतिक तौर पर जस्टिस जोसेफ का नाम सर्वोच्च न्यायालय के जज के रूप में दोबारा केंद्र के पास भेजने पर सहमत हुए थे। सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम द्वारा जस्टिस केएम जोसेफ का नाम दोबारा पदोन्नति के लिए भेजने के बाद केंद्र सरकार के पास उनके नाम को मंजूरी देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

अप्रैल 2018 में सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने जस्टिस केएम जोसेफ के साथ ही सीनियर एडवोकेट इंदु मल्होत्रा का नाम सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने के लिए प्रस्तावित किया था। केंद्र सरकार ने इंदु मल्होत्रा के नाम को मंजूरी दे दी थी। इंदु मल्होत्रा पहली महिला वकील हैं जो सीधे सुप्रीम  कोर्ट की जज बनीं।

जस्टिस केएम जोसेफ के नाम पर केंद्र सरकार के एतराज का विपक्ष ने विरोध करते हुए कहा था कि बीजेपी सरकार उत्तराखण्ड में सरकार गिराने के मुद्दे पर जस्टिस जोसेफ की पीठ के फैसले से नाराज होने की वजह से उनका विरोध किया है। हालाँकि बीजेपी ने इस आरोप को पूरी तरह बेबुनियाद बताया।

 इससे पहले साल 2014 में जब सीनियर एडवोकेट गोपाल सुब्रमण्यम का नाम सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में प्रस्तावित किया गया तो मोदी सरकार ने उनके नाम पर आपत्ति जतायी थी। विवाद के बाद गोपाल सुब्रमण्यम ने खुद ही सुप्रीम कोर्ट जाने के प्रस्ताव के लिए ना बोल दिया था। 

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Web Title: Supreme Court Collegium re recommended justice km joseph name for supreme court justice

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