अयोध्या केस पर फैसलाः सुप्रीम कोर्ट बताएगा कि मस्जिद में नमाज इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है या नहीं?

By आदित्य द्विवेदी | Updated: September 27, 2018 10:15 IST2018-09-27T09:56:33+5:302018-09-27T10:15:14+5:30

Supreme Court Verdict on Ayodhya Mosque Live Updates, Highlights News:अयोध्या से जुड़े मामले पर सुप्रीम कोर्ट का आज एक अहम फैसला, मस्जिद इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है या नहीं?

Supreme Court Ayodhya link verdict updates, Is mosque essential to Islam? | अयोध्या केस पर फैसलाः सुप्रीम कोर्ट बताएगा कि मस्जिद में नमाज इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है या नहीं?

अयोध्या केस पर फैसलाः सुप्रीम कोर्ट बताएगा कि मस्जिद में नमाज इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है या नहीं?

नई दिल्ली, 27 सितंबरः राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद से जुड़े एक मामले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट अहम फैसला सुना सकता है। इस फैसले में साफ किया जाएगा कि मस्जिद में नमाज इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है या नहीं? दरअसल 1994 में सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला आया था जिसमें कहा गया था कि मस्जिद इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है। 24 साल पुराने इस फैसले पर मुस्लिम याचिका कर्ताओं ने पुनर्विचार करने की अपील की थी। आज सुप्रीम कोर्ट यही तय करेगा कि इस मामले को बड़ी संवैधानिक पीठ के पास भेजने की जरूरत है या नहीं। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति अशोक भूषण तथा न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ अपना फैसला सुनाएगी। पीठ ने 20 जुलाई को इसे सुरक्षित रख लिया था।

24 साल पुराने फैसले पर मुस्लिमों को ऐतराज

अयोध्या मामले के एक मूल वादी एम सिद्दीक ने एम इस्माइल फारूकी के मामले में 1994 के फैसले में इन खास निष्कर्षों पर ऐतराज जताया था जिसके तहत कहा गया था कि मस्जिद इस्लाम के अनुयायियों द्वारा अदा की जाने वाली नमाज का अभिन्न हिस्सा नहीं है। सिद्दीक की मृत्यु हो चुकी है और उनका प्रतिनिधित्व उनके कानूनी वारिस कर रहे हैं।

मुस्लिम समूहों ने प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष यह दलील दी है कि इस फैसले में उच्चतम न्यायालय के अवलोकन पर पांच सदस्यीय पीठ द्वारा पुनर्विचार करने की जरूरत है क्योंकि इसका बाबरी मस्जिद - राम मंदिर भूमि विवाद मामले पर असर पड़ेगा। 

वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने सिद्दीक के कानूनी प्रतिनिधि की ओर से पेश होते हुए कहा था कि मस्जिदें इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है, यह टिप्पणी उच्चतम न्यायालय ने बगैर किसी पड़ताल के या धार्मिक पुस्तकों पर विचार किए बगैर की। 

मंदिर-मस्जिद भूमि विवाद पर विलंब की कोशिश

उत्तर प्रदेश सरकार ने शीर्ष न्यायालय से कहा था कि कुछ मुस्लिम समूह ‘इस्लाम का अभिन्न हिस्सा मस्जिद के नहीं होने’ संबंधी 1994 की टिप्पणी पर पुनर्विचार करने की मांग कर लंबे समय से लंबित अयोध्या मंदिर - मस्जिद भूमि विवाद मामले में विलंब करने की कोशिश कर रहे हैं। अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने उप्र सरकार की ओर से पेश होते हुए कहा था कि यह विवाद करीब एक सदी से अंतिम निर्णय का इंतजार कर रहा है।

मुख्य विवाद से अलग यह मामला

1994 का यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मुख्य विवाद राम मंदिर बाबरी मस्जिद से अलग है लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से उससे जुड़ा भी है। इस्माइल फारूकी ने अयोध्या में भूमि अधिग्रहण को चुनौती दी थी जिस पर सुनवाई करते हुए शीर्ष न्यायालय ने कहा था कि नमाज पढ़ना मस्जिद का अनिवार्य हिस्सा नहीं है।

समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट्स लेकर

English summary :
Supreme Court Verdict on Ayodhya Mosque Live Updates, Highlights, Breaking News in Hindi: Ram temple-Babri Masjid dispute, Supreme Court can hear the crucial verdict on Thursday. It will be clarified in this verdict that whether Namaz is an integral part of Islam or not in the mosque? In fact, a Supreme Court verdict came in 1994, which said that the mosque is not an integral part of Islam.


Web Title: Supreme Court Ayodhya link verdict updates, Is mosque essential to Islam?

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