'अविवाहित महिलाओं को इसके लिए मना नहीं कर सकते', सुप्रीम कोर्ट ने 24 सप्ताह बाद भी गर्भपात कराने की इजाजत दी

By भाषा | Published: July 22, 2022 08:23 AM2022-07-22T08:23:38+5:302022-07-22T08:28:44+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में अहम फैसला सुनाते हुए एक अविवाहित महिला को 24 सप्ताह के बाद गर्भपात कराने की अनुमति दी। यह मामला दिल्ली हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।

Supreme Court allows Unmarried Woman for Pregnancy says cant denied | 'अविवाहित महिलाओं को इसके लिए मना नहीं कर सकते', सुप्रीम कोर्ट ने 24 सप्ताह बाद भी गर्भपात कराने की इजाजत दी

सुप्रीम कोर्ट ने अविवाहित महिला को गर्भपात कराने की अनुमति दी (फाइल फोटो)

Highlights‘गर्भ का चिकित्सकीय समापन अधिनियम’ (एमटीपी) के दायरे को सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ाने के निर्देश दिए।अविवाहित महिला 24 सप्ताह बाद भी करा सकती है गर्भपात, तीन जजों की बेंच का फैसला।

नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में ‘‘अविवाहित महिला’’ को शामिल करने के लिए ‘गर्भ का चिकित्सकीय समापन अधिनियम’ (एमटीपी) के दायरे को विस्तारित किया और एक महिला को 24 सप्ताह के बाद गर्भपात करने की अनुमति प्रदान की।

न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना की पीठ ने एम्स निदेशक को एमटीपी अधिनियम के प्रावधानों के तहत शुक्रवार तक महिला की जांच के लिए दो चिकित्सकों का एक मेडिकल बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया। पीठ ने बोर्ड से यह पता लगाने के लिए कहा कि गर्भावस्था को समाप्त करने से महिला की जान को खतरा हो सकता है या नहीं?

पीठ ने कहा, ‘‘हम एम्स निदेशक से अनुरोध करते हैं कि कल (शुक्रवार) तक एमटीपी अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक मेडिकल बोर्ड का गठन करें। यदि मेडिकल बोर्ड यह निष्कर्ष निकालता है कि याचिकाकर्ता (महिला) की जान को किसी तरह के जोखिम के बिना गर्भपात किया जा सकता है, तो एम्स याचिका के अनुसार गर्भपात करेगा...।’’

हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था मामला

दरअसल, अपने 23 सप्ताह के गर्भ को समाप्त करने की अनुमति दिल्ली उच्च न्यायालय से न मिलने के बाद एक अविवाहित महिला ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया था और अपनी अपील को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की थी। उच्च न्यायालय ने गर्भपात की अनुमति से इनकार करते हुए कहा था कि यह वस्तुतः भ्रूण की हत्या के बराबर है।

उच्च न्यायालय ने 16 जुलाई के अपने आदेश में इस महिला को 23 सप्ताह के भ्रूण को समाप्त करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि गर्भपात कानून के तहत आपसी सहमति से बनाये गये संबंध के कारण गर्भधारण की स्थिति में 20 सप्ताह के बाद गर्भपात की इजाजत नहीं है।

हालांकि, उच्च न्यायालय ने महिला की इस दलील पर केंद्र से जवाब मांगा था कि अविवाहित महिलाओं को 24 सप्ताह तक के गर्भ को समाप्त करने की अनुमति नहीं देना भेदभावपूर्ण है। 25 वर्षीय महिला याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया था कि उसके साथी ने उससे शादी करने से इनकार कर दिया था, जिसके साथ वह सहमति से रिश्ते में थी।

Web Title: Supreme Court allows Unmarried Woman for Pregnancy says cant denied

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