यूजीसी परीक्षा मामलाः सुप्रीम कोर्ट ने 10 अगस्त तक स्थगित की सुनवाई
By रामदीप मिश्रा | Published: July 31, 2020 01:37 PM2020-07-31T13:37:58+5:302020-07-31T13:37:58+5:30
हलफनामे के अनुसार विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर यूजीसी ने छह जुलाई की बैठक में चर्चा की और इसे मंजूरी दी। इसके तुरंत बाद कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के बारे में परिवर्तित दिशानिर्देश जारी किए गए।
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के 6 जुलाई के सर्कुलर को चुनौती देने वाली और कोरोना महामारी को देखते हुए अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा रद्द करने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई को 10 अगस्त के लिए स्थगित किया। दरअसल, यूजीसी ने अंतिम वर्ष और अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं सितंबर के अंत में कराने के निर्णय को उचित ठहराया है।
उसने बीते दिन सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि देश भर में छात्रों के शैक्षणिक भविष्य को बचाने के लिए ऐसा किया गया है। यूजीसी ने अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित करने संबंधी छह जुलाई की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 50 पेज का हलफनामा न्यायालय में दाखिल किया है।
इसमें कहा गया है कि इस साल जून में कोविड-19 महामारी की स्थिति को देखते हुए उसने विशेषज्ञ समिति से 29 अप्रैल के दिशा-निर्देशों पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया था। अप्रैल के दिशानिर्देशों में विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों से कहा गया था कि वे अंतिम वर्ष की परीक्षायें जुलाई, 2020 में आयोजित करें। यूजीसी के अनुसार विशेषज्ञ समिति ने ऐसा ही किया और अपनी रिपोर्ट में सेमेस्टर और अंतिम वर्ष की परीक्षायें ऑफ लाइन, ऑन लाइन या मिश्रित प्रक्रिया से सितंबर, 2020 के अंत में कराने की सिफारिश की थी।
'युवा सेना' और कई संस्थाओं ने दायर की हैं याचिकाएं
हलफनामे के अनुसार विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर यूजीसी ने छह जुलाई की बैठक में चर्चा की और इसे मंजूरी दी। इसके तुरंत बाद कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के बारे में परिवर्तित दिशानिर्देश जारी किए गए। कोविड-19 महामारी के दौरान सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने के छह जुलाई के निर्देश को चुनौती देते हुए शिव सेना की युवा इकाई 'युवा सेना' और कई अन्य संस्थाओं तथा व्यक्तियों ने याचिकाएं दायर कर रखी हैं।
परीक्षा नहीं कराने का किया गया अनुरोध
इन याचिकाओं में संबंधित प्राधिकारियों को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि मौजूदा हालात को देखते हुए अंतिम वर्ष की परीक्षाएं नहीं कराई जाएं और छात्रों के पिछले प्रदर्शन या आंतरिक आकलन के आधार पर ही नतीजे घोषित किए जाएं। इन याचिकाओं में बिहार और असम में बाढ़ की वजह से लाखों छात्रों की परेशानियों और कई राज्यों द्वारा कोविड-19 महामारी की वजह से राज्य विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं रद्द करने के निर्णय सहित अनेक मुद्दे उठाए गए हैं।