Sukhbir Singh Badal Attacked: स्वर्ण मंदिर के एंट्री गेट पर अकाली दल नेता पर चली गोलियां, शख्स ने सरेआम किया हमला
By अंजली चौहान | Updated: December 4, 2024 15:02 IST2024-12-04T10:33:19+5:302024-12-04T15:02:25+5:30
Sukhbir Singh Badal Attacked: स्वर्ण मंदिर में बुधवार को सुखबीर सिंह बादल पर जानलेवा हमला हुआ है

Sukhbir Singh Badal Attacked: स्वर्ण मंदिर के एंट्री गेट पर अकाली दल नेता पर चली गोलियां, शख्स ने सरेआम किया हमला
Sukhbir Singh Badal Attacked: पंजाब के अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर के प्रवेश द्वार पर गोलियां चली है। यह गोली शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल पर चलाई गई। बुधवार, 4 दिसंबर को एक व्यक्ति ने उस समय गोली चलाने का प्रयास किया जब वह स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ के रूप में सुखबीर बादल सेवाएं दे रहे थे।
घटना के वक्त बादल ‘व्हीलचेयर’ पर बैठे थे और गोली दीवार से जाकर लगी। हमले में बादल बाल-बाल बच गए। आरोपी नारायण सिंह को स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने पकड़ लिया।
VIDEO | Punjab: A man opened fire at Shiromani Akali Dal leader Sukhbir Singh Badal at the entrance of Golden Temple, Amritsar. The person was overpowered by people present on the spot. More details are awaited.#PunjabNews#SukhbirSinghBadal
— Press Trust of India (@PTI_News) December 4, 2024
(Full video available on PTI… pic.twitter.com/LC55kCV864
गोली चलाने वाले की पहचान नारायण सिंह चौरा के रूप में हुई है, जो कथित तौर पर एक पूर्व आतंकवादी है, जिस पर कई मामले दर्ज हैं और वह अंडरग्राउंड है। हमलावर चौरा डेरा बाबा नानक इलाके का रहने वाला है। वह मंगलवार को भी सफेद कुर्ता-पायजामा पहने सुखबीर बादल के पास ही घूम रहा था।
घटना के समय नारायण सिंह चौरा सुखबीर सिंह बादल के पास ही खड़े थे। जब सुखबीर बादल पर गोलियां चलाई गईं, तो पास में खड़े एक ‘सेवादार’ ने अपना हाथ ऊपर की ओर बढ़ाया, जिससे एसएडी नेता बच गए। चौरा को 2004 में बुड़ैल जेल ब्रेक का मास्टरमाइंड बताया जाता है। चौरा ने खालिस्तान समर्थक संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकी जगतार सिंह हवारा, परमजीत सिंह भियोरा और उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह को बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी। उसने जेल की बिजली सप्लाई बंद कर दी थी।
शिअद नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा, "शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल गुरु रामदास द्वार पर चौकीदार बनकर बैठे थे। उनकी तरफ गोली चलाई गई...मैं गुरु नानक का शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने अपने 'सेवक' को बचा लिया...यह बहुत बड़ी घटना है, पंजाब को किस दौर में धकेला जा रहा है?"
उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार पर हमला करते हुए कहा, "मैं पंजाब के सीएम [भगवंत मान] से पूछना चाहता हूं कि आप पंजाब को कहां ले जाना चाहते हैं? हमलावर को मौके पर ही पकड़ लिया गया। मैं यहां के सुरक्षाकर्मियों को भी धन्यवाद देता हूं। अगर उन्होंने तुरंत कार्रवाई नहीं की होती... घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिए... हम अपनी 'सेवा' जारी रखेंगे..."
गौरतलब है कि यह घटना अकाल तख्त के हाल ही में आए धार्मिक फैसले के बाद हुई है, जिसमें बादल को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का समर्थन करने का दोषी पाया गया था।
सुखबीर सिंह बादल की धार्मिक सजा
सुखबीर सिंह बादल सिख धर्मगुरुओं द्वारा घोषित 'तनखाह' (धार्मिक सजा) के तहत स्वर्ण मंदिर के बाहर 'सेवादार' या स्वयंसेवक के रूप में कर्तव्य निभाने के लिए स्वर्ण मंदिर में गए हैं।
नीली 'सेवादार' वर्दी में बादल एक हाथ में भाला पकड़े हुए, मंगलवार को अपनी सजा काटते हुए व्हीलचेयर पर स्वर्ण मंदिर के प्रवेश द्वार पर थे। उनके एक पैर में फ्रैक्चर है।
अकाली नेता सुखदेव सिंह ढींडसा, जो अपनी उम्र के कारण व्हीलचेयर पर थे, को भी यही सजा मिली, जबकि पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया और दलजीत सिंह चीमा ने बर्तन धोए। बादल और ढींडसा के गले में छोटे-छोटे बोर्ड लटकाए गए, जिसमें उनके "गलत कामों" को स्वीकार किया गया। दोनों नेताओं ने एक घंटे तक 'सेवादार' के तौर पर काम किया।
2007 से 2017 तक पंजाब में शिरोमणि अकाली दल सरकार द्वारा की गई "गलतियों" के लिए बादल और अन्य नेताओं को 'तनखाह' (धार्मिक सजा) सुनाते हुए, अकाल तख्त पर सिख धर्मगुरुओं ने सोमवार को वरिष्ठ अकाली नेता को 'सेवादार' के तौर पर काम करने और स्वर्ण मंदिर में बर्तन धोने और जूते साफ करने का निर्देश दिया।