सुब्रमण्यम स्वामी ने नेहरू, वाजपेयी की चीन नीति को 'मूर्खतापूर्ण' बताते हुए कहा, "चीन हमारी धरती हड़प रहा है, पीएम मोदी कह कहे हैं 'कोई नहीं आया है'"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 3, 2022 06:44 PM2022-08-03T18:44:52+5:302022-08-03T18:49:04+5:30
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि नेहरू और वाजपेयी की 'मूर्खतापूर्ण' नीति के कारण भारत ने इस बात को स्वीकार कर लिया कि तिब्बत और ताइवान चीन का हिस्सा है।
दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने चीन के साथ भारत के संबंधों के विषय में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और अपनी ही पार्टी के पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को निशाने पर ले लिया।
पूर्व वित्त मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने बुधवार को कहा कि इन लोगों की 'मूर्खतापूर्ण' नीति के कारण भारत ने इस बात को स्वीकार कर लिया कि तिब्बत और ताइवान चीन का हिस्सा है।
स्वामी ने कहा कि इन दो पूर्व प्रधानमंत्रियों के द्वारा चीन को बढ़ावा देने का नतीजा है कि वो परस्पर सहमति से तय हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान नहीं कर रहा है और लद्दाख के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया है।
ऐसा नहीं है कि सुब्रमण्यम स्वामी चीन के संबंध में केवल पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी की आलोचना से शांत हुए बल्कि उन्होंने चीन समस्या के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी कटघरे में खड़ा कर दिया। स्वामी ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जबरदस्त हमला करते हुए कहा कि चीन ने लद्दाख के कुछ हिस्सों को हड़प लिया है, वहीं प्रधानमंत्री मोदी कह रहे हैं कि कोई आया ही नहीं। पीएम मोदी का यह बयान स्तब्ध कर देने वाला है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर कहा, “हम भारतीयों ने नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी की मूर्खता के कारण तिब्बत और ताइवान को चीन के हिस्से के रूप में स्वीकार किया। लेकिन अब चीन परस्पर सहमत एलएसी का भी सम्मान नहीं करता है और लद्दाख के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया है। वहीं मोदी कहते हैं कि कोई नहीं आया है, यह स्तब्ध करने वाली बात है। चीन को पता होना चाहिए कि हमारे पास फैसला करने के लिए चुनाव हैं।”
We Indians conceded that Tibet and Taiwan as part of China due the foolishness of Nehru and ABV. But now China does even honour the mutually agreed LAC and grabbed parts of Ladakh while Modi is in stupor stating "koi aaya nahin". China should know we have elections to decide .
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 3, 2022
मालूम हो कि सुब्रमण्यम स्वामी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका और चीन के बीच भारी तनाव के बीच अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ताइवान की जमीन पर कदम रखा है। नैंसी पेलोसी ने चीन की सारी धमकियों को नजरअंदाज करते हुए भारी सुरक्षा के साथ मंगलवार देर शाम ताइवान की राजधानी ताइपे पहुंची।
नैन्सी पेलोसी की इस ताइवान यात्रा के कारण अमेरिका और चीन के रिश्ते इस कदर तनावपूर्ण हो गये हैं कि विश्व समुदाय बेहद डरा हुआ है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग लगातार बेहद कठोर शब्दों में पेलोसी की ताइवान यात्रा को चीन की सार्वभौमकिता के उलंघन के तौर पर रेखांकित कर रहे हैं, वहीं रूस भी इस मामले में चीन के समर्थन में उतर गया है। इसका कारण दक्षिण एशिया में हालात बेहद चिंताजनक हो गये हैं।
चीन ने अमेरिका को धमकी देते हुए कहा कि हम अमेरिका के हर उस उकसावे का कड़ाई से जवाब देंगे, जिसके कारण क्षेत्रीय अस्थिरता पैदा हो रही है। अमेरिकी राजनेता नैन्सी पेलोसी को धमकाने के लिए चीन ने उनके दौरे से पहले ताइवान डिफेंस जोन में 21 विमान उड़ाकर अमेरिका को चेतावनी देने की कोशिश की, लेकिन चीन की सभी धमकियों को अनदेखा करते हुए पेलोसी ताइवान पहुंच गई हैं।