पटना हाईकोर्ट के जस्टिस राकेश कुमार की बेंच से वापस लिए गए सारे केस, न्यायपालिका पर उठाए थे गंभीर सवाल!

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 29, 2019 13:16 IST2019-08-29T12:33:11+5:302019-08-29T13:16:57+5:30

जस्टिस राकेश कुमार ने अपने आदेश की प्रति सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम, पीएमओ, कानून मंत्रालय और सीबीआई निदेशक को भी भेजने का आदेश कोर्ट में दिया।

Strict remarks of Justice Rakesh Kumar of Patna High Court, said - corrupt officials get the support of the judiciary! | पटना हाईकोर्ट के जस्टिस राकेश कुमार की बेंच से वापस लिए गए सारे केस, न्यायपालिका पर उठाए थे गंभीर सवाल!

पटना हाईकोर्ट के जस्टिस राकेश कुमार की बेंच से वापस लिए गए सारे केस, न्यायपालिका पर उठाए थे गंभीर सवाल!

Highlightsआरोपी केपी रमैया ने 23 मार्च 2018 को हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी जिसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने निचली अदालत में सरेंडर किया जहां से उन्हें 8 मई को जमानत मिल गई।

पटना हाईकोर्ट के वरिष्ठ जज राकेश कुमार ने न्यायपालिका की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। पूर्व आईपीएस रमैया के खिलाफ घूसखोरी मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस राकेश कुमार ने सख्त टिप्पणी की। इसके बाद सिंगल बेंच में उनके पास सुनवाई के लिए मौजूद सभी केस वापस ले लिये गए हैं। साथ ही रजिस्ट्रार से भी सफाई मांगी गई है कि जो केस पहले निपटाया जा चुका था, उसे दोबारा जस्टिस राकेश कुमार के पास कैसे लगाया गया।

जस्टिस राकेश कुमार न्याययपालिका पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि हाईकोर्ट प्रशासन ही भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण देता है। उन्होंने सवाल उठाए कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद निचली अदालत ने रमैया को जमानत कैसे दे दी।

गौरतलब है कि केपी रमैया ने 23 मार्च 2018 को हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी जिसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने निचली अदालत में सरेंडर किया जहां से उन्हें 8 मई को जमानत मिल गई।

केपी रमैया, रिटायर्ट आईएएस अधिकारी रामाशीष पासवान, आईएएस अधिकारी एसएम राजू और पांच अन्य लोग बिहार महादलित विकास मिशन फंड घोटाले के आरोपी हैं। माना जा रहा है कि ये कई करोड़ का घोटाला है। स्टेट विजिलेंज ब्यूरो ने रमैया और अन्य के खिलाफ 26 अप्रैल को चार्जशीट दाखिल की थी।

जस्टिस राकेश कुमार ने दो प्राइवेट टीवी चैनलों के स्टिंग का संज्ञान लेते हुए मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। जस्टिस राकेश कुमार ने अपने आदेश की प्रति सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम, पीएमओ, कानून मंत्रालय और सीबीआई निदेशक को भी भेजने का आदेश कोर्ट में दिया।

Web Title: Strict remarks of Justice Rakesh Kumar of Patna High Court, said - corrupt officials get the support of the judiciary!

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