‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ विश्व को संदेश देता है कि भारत की अखंडता को कोई नष्ट नहीं कर सकता : शाह

By भाषा | Published: October 31, 2021 02:12 PM2021-10-31T14:12:51+5:302021-10-31T14:12:51+5:30

'Statue of Unity' sends message to the world that no one can destroy India's integrity: Shah | ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ विश्व को संदेश देता है कि भारत की अखंडता को कोई नष्ट नहीं कर सकता : शाह

‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ विश्व को संदेश देता है कि भारत की अखंडता को कोई नष्ट नहीं कर सकता : शाह

केवडिया (गुजरात), 31 अक्टूबर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे और उन्हें समर्पित ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ दुनिया को एक संदेश देता है कि भारत का भविष्य उज्ज्वल है और देश की एकता और अखंडता को कोई भी नष्ट नहीं कर सकता।

सरदार पटेल की जयंती पर गुजरात के नर्मदा जिले के केवडिया में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ पर जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि ‘भारत के लौह पुरुष’ को भुलाने के प्रयास किए गए।

आजादी के बाद भारत को एकजुट करने के प्रयासों में सरदार पटेल के योगदान का स्मरण करते हुए शाह ने कहा कि यह उनके प्रयासों का ही परिणाम था कि लक्षद्वीप भारत का अभिन्न अंग बन सका।

शाह ने कहा, ‘‘ यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरदार साहेब को भुलाने के प्रयास किए गए। आजादी के बाद उनके योगदान को कभी भी उचित सम्मान और स्थान नहीं दिया गया। उन्हें न तो भारत रत्न दिया गया और न ही उचित सम्मान। लेकिन कहा जाता है कि बादल सूरज को आखिर कब तक छिपा कर रख सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि देश में जैसे ही परिस्थितियां बदलीं, सरदार पटेल को भारत रत्न दिया गया, सरदार साहेब को समर्पित दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का निर्माण उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए किया गया।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘‘ ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ विश्व के लिए एक संदेश है कि भारत की एकता और अखंडता को कोई नहीं तोड़ सकता है और भारत की सार्वभौमिता के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता है। यह सरकार साहेब की प्रेरणा ही थी जिसने देश को एकजुट रखा और यह उनकी प्रेरणा ही होगी जो हमें एक रखेगी और देश को आगे लेकर जाएगी।’’

उन्होंने कहा कि लक्षद्वीप को भारत का हिस्सा बनाने में उनके योगदान की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। शाह ने कहा, ‘‘15 अगस्त को जब भारत को आजादी मिली तो सरदार साहेब ने भारतीय नौसेना के पोत तीर को लक्षद्वीप भेजा। भारतीय नौसेना के वहां तिरंगा फहराने के कुछ घंटे बाद पाकिस्तान पोत भी वहां पहुंचे। लेकिन तब तक वहां तिरंगा लहराया जा चुका था। इस तरह लक्षद्वीप भारत का हिस्सा बन सका और भारत की तटसीमा का एक बड़ा हिस्सा वहां से सुरक्षित है।’’

शाह ने कहा कि केवडिया, जहां 182 मीटर ऊंची ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ की प्रतिमा है, वह स्थान भारत की एकता, राष्ट्रवाद और देशभक्ति का तीर्थस्थल बन गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रतिमा के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि दी है और उन्होंने ही दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा की कल्पना की।

उन्होंने कहा कि सदियों में सरदार पटेल जैसे किसी नेता का जन्म होता है जो सदियों तक लोगों को प्रेरित करते हैं। शाह ने कहा, ‘‘एक समय था जब आचार्य चाणक्य ने भारत को एक किया। सदियों बाद सरदार पटेल ने भारत को एक किया। इसी का परिणाम है कि आज भारत दुनिया में अपनी जगह को गर्व के साथ मजबूत कर रहा है।’’

शाह ने कहा कि 31 अक्टूबर को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला सरकार ने इसलिए लिया ताकि भारत की आजादी के लिए सरदार पटेल के संषर्घ और देश को एकजुट करने के उनके प्रयास सदियों तक लोगों को प्रेरित करते रहें।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: 'Statue of Unity' sends message to the world that no one can destroy India's integrity: Shah

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे