श्रीराम मंदिर भूमि पूजनः अयोध्या में 5 अगस्त को अभिजीत मुहूर्त और राहुकाल में 27 मिनट का ओवरलैप?

By प्रदीप द्विवेदी | Published: July 25, 2020 03:12 PM2020-07-25T15:12:16+5:302020-07-25T15:12:47+5:30

5 अगस्त 2020 को दिन में अयोध्या में 11.40 से 12.34 बजे तक अभिजीत मुहूर्त का समय है, तो 12.07 से 1.47 बजे तक का समय राहुकाल का है, लिहाजा उस दिन अभिजीत मुहूर्त और राहुकाल के बीच 27 मिनट का समय ओवरलैप का है, मतलब- अयोध्या में अभिजीत मुहूर्त का उपयोगी समय 11.40 से 12.07 बजे तक का ही है.

Sri Ram Temple Bhoomi Pujan: Abhijeet Muhurta on August 5, 2020 in Ayodhya and 27 minutes overlap in Rahukaal? | श्रीराम मंदिर भूमि पूजनः अयोध्या में 5 अगस्त को अभिजीत मुहूर्त और राहुकाल में 27 मिनट का ओवरलैप?

अभिजीत मुहूर्त के संबंध में द्रिक पंचांग का कहना है कि- ऐसा माना जाता है की भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध अभिजीत मुहूर्त में ही किया था.

Highlightsअयोध्या में बनने जा रहे श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त 2020 को होगा5 अगस्त 2020 को करीब 27 मिनट का समय अभिजीत मुहूर्त और राहुकाल के ओवरलैप का है

अयोध्या में बनने जा रहे श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त 2020 को होगा, जिसमें काशी के विद्वान अनुष्ठान करेंगे. लेकिन, 5 अगस्त 2020 को करीब 27 मिनट का समय अभिजीत मुहूर्त और राहुकाल के ओवरलैप का है. प्रतिदिन अभिजीत मुहूर्त को उत्तम मुहूर्त माना जाता है, परन्तु बुधवार को अभिजीत मुहूर्त और राहुकाल का काफी समय ओवरलैप हो जाता है, जिसके कारण बुधवार को अभिजीत मुहूर्त से बचा जाता है.

बुधवार, 5 अगस्त 2020 को दिन में अयोध्या में 11.40 से 12.34 बजे तक अभिजीत मुहूर्त का समय है, तो 12.07 से 1.47 बजे तक का समय राहुकाल का है, लिहाजा उस दिन अभिजीत मुहूर्त और राहुकाल के बीच 27 मिनट का समय ओवरलैप का है, मतलब- अयोध्या में अभिजीत मुहूर्त का उपयोगी समय 11.40 से 12.07 बजे तक का ही है.

द्रिक पंचांग के अनुसार- राहु के प्रभाव में आने वाली समयावधि में किसी भी प्रकार के शुभ कार्य करने से बचना चाहिये. राहु काल के समय शुभ ग्रहों के लिये किये जाने वाले पूजन, हवन तथा यज्ञ इत्यादि भी राहु के विनाशकारी स्वभाव के कारण प्रभावित होते हैं. यदि कोई राहु काल के समय, पूजा, हवन तथा यज्ञ इत्यादि करता है, तो उसे मनोवान्छित परिणाम प्राप्त नहीं होते हैं. अतः किसी भी प्रकार का नवीन कार्य आरम्भ करने से पूर्व राहु काल का विचार करना अत्यन्त आवश्यक है, इससे इच्छित परिणाम प्राप्त होने की सम्भावना बढ़ जाती है.

हालांकि, राहु से सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कार्य इस अवधि में अनुकूल परिणाम देता है. राहु की प्रसन्नता हेतु किये जाने वाले हवन, यज्ञ आदि राहु काल में सम्पन्न किये जा सकते हैं. अभिजीत मुहूर्त के संबंध में द्रिक पंचांग का कहना है कि- ऐसा माना जाता है की भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध अभिजीत मुहूर्त में ही किया था. इसके अतिरिक्त, अभिजीत मुहूर्त को भगवान विष्णु का आशीर्वाद भी प्राप्त है, जिसके फलस्वरूप भगवान विष्णु अपने सुदर्शन चक्र से अभिजीत मुहूर्त के दौरान पड़ने वाले असंख्य दोषों का नाश कर देते हैं.

यह ध्यान देने योग्य बात है कि अभिजीत मुहूर्त बुधवार के दिन उपयुक्त नहीं माना गया है, क्योंकि बुधवार के दिन अभिजीत मुहूर्त हानिकारक मुहूर्त का निर्माण करता है. शुभाशुभ मुहूर्त के संबंध में ब्रह्मलीन पं. लक्ष्मीनारायण द्विवेदी ने लिखा था कि- जीवन में सफलता के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें किन्तु शुभ कर्मों की उपेक्षा न करें.

शुभ कर्म, शुभ मुहूर्त से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि शुभ मुहूर्त तो महज अच्छे परिणाम के लिए राह आसान करता है लेकिन शुभ कर्म के हमेशा अच्छे ही परिणाम होते हैं. अगर ऐसा नहीं होता तो न कभी रावण नाकामयाब रहता और न ही दुर्योधन पराजित होता. रावण तो स्वयं ज्योतिष का अच्छा ज्ञाता था और सभी राजा-महाराजाओं के पास अपने खास ज्योतिष होते थे, अर्थात... शुभ समय जानने की सुविधा सभी के पास थी. दरअसल किसी शुभ क्षण में प्रारम्भ किए गए कार्य का परिणाम अच्छा होता है, लेकिन सुक्ष्मता से ऐसे शुभ क्षण को पहचानना और कार्य आरम्भ करना बहुत मुश्किल होता है. जिनके इरादे नेक नहीं होते हैं वे कभी शुभ क्षण में कार्य आरम्भ नहीं कर पाते हैं और जो शुभ संकल्प के साथ कार्य आरम्भ करते हैं, उन्हें शुभ मुहूर्त अपने आप आ मिलते हैं.

मुहूर्त के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग गणनाएं, मान्यताएं और विश्वास हैं. कहीं चैघडिया महत्वपूर्ण है, तो कहीं राहुकाल. कहीं तिथि उपयोगी है, तो कहीं वार. इसलिए कई बार एक क्षेत्र में जिस समय को शुभ मुहूर्त माना जाता है, किसी अन्य क्षेत्र में वही समय शुभ नहीं माना जाता है. बाधा रहित कामयाबी के लिए शुभ समय में कार्य शुरू करने का महत्व है, लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी यह है कि विश्वास, प्रसन्नता और शुभ संकल्प के साथ कार्य आरम्भ किया जाए. शुभ कर्म ही शुभ परिणाम की दिशा में ले जाता है!

Web Title: Sri Ram Temple Bhoomi Pujan: Abhijeet Muhurta on August 5, 2020 in Ayodhya and 27 minutes overlap in Rahukaal?

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