SPG बिल पर राज्यसभा में बोले अमित शाह, गांधी परिवार को ध्यान में रखकर नहीं लाया गया बिल, लोकतंत्र में कानून सबके लिए बराबर 

By रामदीप मिश्रा | Published: December 3, 2019 04:34 PM2019-12-03T16:34:35+5:302019-12-03T16:34:35+5:30

अमित शाह ने कहा कि लोकतंत्र में कानून सबके लिए बराबर होता है, एक परिवार के लिए अलग कानून नहीं होता। हम परिवार का विरोध नहीं करते हैं। हम परिवारवाद का विरोध करते हैं। 

SPG Bill: we have not brought the SPG Bill by keeping only Gandhi family in mind says Amit Shah in Rajya Sabha | SPG बिल पर राज्यसभा में बोले अमित शाह, गांधी परिवार को ध्यान में रखकर नहीं लाया गया बिल, लोकतंत्र में कानून सबके लिए बराबर 

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Highlightsविशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) अधिनियम संशोधन विधेयक मंगलवार (03 दिसंबर) को राज्यसभा में पास हो गया है। गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि यह सच नहीं है कि हम केवल गांधी परिवार को ध्यान में रखकर एसपीजी बिल लाए हैं।

विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) अधिनियम संशोधन विधेयक मंगलवार (03 दिसंबर) को राज्यसभा में पास हो गया है। इस बीच देश के गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि यह सच नहीं है कि हम केवल गांधी परिवार को ध्यान में रखकर एसपीजी बिल लाए हैं। इस बिल को लाने से पहले ही खतरे के आकलन का विश्लेषण किया गया, जिसके बाद गांधी परिवार से सुरक्षा वापस ली गई।

उन्होंने कहा कि एपीजी प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत सुरक्षा के साथ ही उनके संचार, पत्राचार, आयोग्य, कार्यालय की भी चिंता करता है। कोई प्रधानमंत्री न रहते हुए भी प्रधानमंत्री की सुरक्षा मांगे तो ऐसा नहीं होता। देश में सिर्फ गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा नहीं हटाई गई। चंद्रशेखर जी, वी पी सिंह जी, नरसिम्हा राव जी, आई के गुजराल जी और मनमोहन सिंह जी की सुरक्षा को भी बदलकर जेड प्लस किया गया है। लेकिन कांग्रेस ने कोई नाराजगी नहीं दिखाई। 

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में कानून सबके लिए बराबर होता है, एक परिवार के लिए अलग कानून नहीं होता। हम परिवार का विरोध नहीं करते हैं। हम परिवारवाद का विरोध करते हैं। 

इससे पहले एसपीजी कानून में संशोधन को समय की मांग बताते हुए गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि इस बल को और अधिक प्रभावी बनाने तथा कानून के मूल उद्देश्य को बहाल करने के उद्देश्य से एसपीजी अधिनियम संशोधन विधेयक लाया गया है।  

रेड्डी ने विशेष सुरक्षा समूह अधिनियम संशोधन विधेयक को चर्चा एवं पारित करने के लिये रखते हुए उच्च सदन में कहा कि यह विधेयक इसलिए लाया गया है ताकि एसपीजी कानून के मूल उद्देश्य को बहाल किया जा सके, बल को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके। 

रेड्डी ने कहा कि 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद एसपीजी का गठन 1985 में बनी एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति की सिफारिश के आधार पर हुआ था। 1985-88 तक एसपीजी एक अधिशासी आदेश के तहत काम करता था। 1988 में एक कानून बना, जिसके तहत एसपीजी काम करने लगी। 1991, 1994, 1999 और 2003 में इसमें संशोधन हुआ। आज वह एक और संशोधन लेकर आए हैं। 

उल्लेखनीय है कि प्रतिष्ठित एसपीजी कमांडो देश के प्रधानमंत्री, उनके परिजनों, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार के करीबी सदस्यों की सुरक्षा का जिम्मा संभालते रहे हैं। सुरक्षा संबंधी खतरों के आधार पर यह सुरक्षा प्रदान की जाती है। विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि अधिनियम में भूतपूर्व प्रधानमंत्रियों या उनके कुटुंब के सदस्यों को एसपीजी सुरक्षा की व्यवस्था करने की कोई अवधि निश्चित नहीं की गई है। अत: ऐसे व्यक्तियों की संख्या काफी अधिक हो सकती है जिन्हें एसपीजी सुरक्षा दी जानी है। 

इस परिप्रेक्ष्य में एसपीजी के संसाधनों , प्रशिक्षण और संबंधित अवसंरचना पर भी प्रभाव पड़ सकता है। अत: कानून में संशोधन की जरूरत समझी गई ताकि मुख्य आदेश पर ध्यान केंद्रित किया जा सके क्योंकि प्रधान के तौर पर प्रधानमंत्री की सुरक्षा, सरकार, शासन और राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोच्च महत्व की है। कार्यरत प्रधानमंत्री के लिये अत्यंत जरूरी महत्वपूर्ण सुरक्षा को मान्यता देते हुए विशेष सुरक्षा समूह के गठन के लिये अधिनियम बनाया गया था जिसका एकमात्र उद्देश्य प्रधानमंत्री और उनके कुटुंब के सदस्यों को निकट सुरक्षा प्रदान करना है। 

Web Title: SPG Bill: we have not brought the SPG Bill by keeping only Gandhi family in mind says Amit Shah in Rajya Sabha

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