सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र की घटना को बनाया नाक का सवाल, कहा- सदन के पटल पर गिरनी चाहिए फड़नवीस सरकार!
By शीलेष शर्मा | Updated: November 24, 2019 07:20 IST2019-11-24T07:20:34+5:302019-11-24T07:20:34+5:30
शरद पवार को लेकर शंकाओं के जो सवाल उठ रहे थे उन्हें सोनिया गांधी ने पूरी तरह खारिज करते हुए अपने नेताओं को स्पष्ट संकेत दिया कि महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम पर कांग्रेस की स्थानीय इकाई वहीं कदम उठाये जिसके संकेत पवार की ओर से मिले.

सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र की घटना को बनाया नाक का सवाल, कहा- सदन के पटल पर गिरनी चाहिए फड़नवीस सरकार!
महाराष्ट्र में चौंकाने वाले राजनीतिक घटनाक्रम के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को साफ तौर पर कहा है कि वे पार्टी विधायकों को पूरी तरह एकजुट रखें ताकि भाजपा की तमाम कोशिशों के बावजूद कोई टूट न होने पाए. सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी ने पटेल को यह भी हिदायत दी है कि वे राकांपा नेता शरद पवार पर बिना कोई अविश्वास किए इस बात की कोशिश करें कि हर कीमत पर भाजपा द्वारा देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में बनी सरकार को महाराष्ट्र विधानसभा के पटल पर ही गिरा दिया जाए.
अहमद पटेल ने सोनिया गांधी के इस फोन के बाद आनन-फानन में पार्टी के विधायकों से बातचीत की और उन्हें तुरंत जयपुर रवाना करने के लिए तैयारी शुरु कर दी. जयपुर से राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हवाले से मिली खबरों में कहा गया है कि कांगे्रस के सभी विधायकों को मुंबई से जयपुर लाया जा रहा है तथा वे तब तक जयपुर में रहेगें जब तक पार्टी नेतृत्व की ओर से उन्हें पुन: मुंबई रवाना करने के लिए नहीं कहा जाता है.
शरद पवार को लेकर शंकाओं के जो सवाल उठ रहे थे उन्हें सोनिया गांधी ने पूरी तरह खारिज करते हुए अपने नेताओं को स्पष्ट संकेत दिया कि महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम पर कांग्रेस की स्थानीय इकाई वहीं कदम उठाये जिसके संकेत पवार की ओर से मिले.
इस बीच कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने अन्य पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर राष्ट्रवादी कांग्रेस और शिव सेना को राज्यपाल की भूमिका को लेकर सर्वोच्च न्यायालय जाने की सलाह दी. अहमद पटेल ने यह सलाह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से चर्चा करने की बाद दी. नतीजा कांग्रेस,राकांपा और शिव सेना ने एक संयुक्त याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल करने का फैसला लिया. याचिका जो मुद्दे उठाये गए है उनमें राज्यपाल के सरकार से गठन को लेकर लिये गये फैसले को रद्द करने के अलावा तीनों दलों को संयुक्त सरकार के गठन के लिए आमंत्रित करने की बात भी उठाई गई है.
इसके अलावा यह भी सवाल उठाया गया है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल में आखिर कैसे एक घंटे में उन हस्ताक्षरों की जांच पड़ताल कर ली जो राकांपा के नाम पर अजीत पवार द्वारा भाजपा को समर्थन देने के बावत सौंपी गयी थी. मंत्रिमंडल की बैठक कब हुई, कौन-कौन मंत्री मौजूद थे जिसने महाराष्ट्र से राष्ट्रपति शासन हटाने की कैबिनेट की ओर से अनुशंसा की. यह अनुशंसा राष्ट्रपति को कब भेजी गयी और राष्ट्रपति ने उसे कब स्वीकार किया. ऐसे दस मुद्दों को लेकर राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी की भूमिका को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की गयी है ताकि यह साबित किया जा सके कि राज्यपाल की भूमिका राजनीति से प्रभावित थी और वह संविधान के भी विपरीत थी.
इन तमाम बातों का खुलासा पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने किया. उन्होंने महाराष्ट्र में फडणवीस को शपथ ग्रहण कराये को लोकतांत्रिक इतिहास में एक काला अध्याय बताया. उन्होंने कहा कि यह पहला अवसर है जब रात के अंधेरे में संविधान के पन्ने फाड़ कर सार्वजनिक जीवन की मर्यादा को तोड़ा गया है और चोरी-छिपे फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करायी गयी है.
सुरजेवाला ने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए कहा कि कर्नाटक, उत्तरांचल, अरुणाचल, मेघालय, गोवा और हरियाणा में भाजपा यह खेल खेल चुकी है जिसका पुनर्रावृत्ति वह महाराष्ट्र में कर रही है. मोदी और अमित शाह पर सीधा हमला बोलते हुए उन्होंने इस खेल के लिए दोनों को जिम्मेदार ठहराया और पूछा कि मोदी और अमित शाह ने भाजपा की सरकार बनाने के लिए राज्यपाल के सामने आखिर कब दावा पेश किया इसका खुलासा हो.