मध्य प्रदेश में साल 2022 में अब तक कुल 27 बाघों की मौत हो चुकी है
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 24, 2022 02:04 PM2022-07-24T14:04:34+5:302022-07-24T14:11:44+5:30
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण की ओर से जारी हुई जानकारी के अनुसार इस साल एक जनवरी से बीते 15 जुलाई के बीच पूरे देश में कुल 74 बाघों की मौत हुई, जिसमें अकेले केवल मध्य प्रदेश में ही 27 बाघ मरे हैं।
भोपाल: बाघों के संरक्षण के लिए देश में नंबर वन स्थान रखने वाले मध्य प्रदेश से बुरी खबर आ रही है। जानकारी के मुताबिक ‘टाइगर स्टेट’मध्य प्रदेश में साल 2022 के जनवरी से लेकर अब तक यानी की साढ़े छह महीने के मध्य 27 बाघों की मौत हो चुकी है।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण (एनटीसीए) की ओर से जारी हुई इस जानकारी के अनुसार देश में यह बाघों की सर्वाधिक मौत है।एनटीसीए के अनुसार इस साल एक जनवरी से बीते 15 जुलाई के बीच पूरे देश में कुल 74 बाघों की मौत हुई, जिसमें अकेले केवल मध्य प्रदेश में ही 27 बाघ मरे हैं।
एनटीसीए के आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश के बाद दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है, जहां कुल 15 बाघों की मौत हुई। इसके बाद कर्नाटक में 11, असम में 5, केरल में 4, राजस्थान में 4, उत्तर प्रदेश में 3, आंध्र प्रदेश में 2 और बिहार, ओडिशा एवं छत्तीसगढ़ में क्रमशः 1-1 बाघों ने दम तोड़ा है।
इस दुखद खबर को साझा करते हुए एनटीसीए के अधिकारियों ने बताया कि मारे गये बाघों की कुछ की मौत अवैध शिकार तो वहीं कुछ करंट लगने के कारण मारे गये। वहीं कुछ बाघों की मौत वृद्धा अवस्था, प्राकृतिक कारणों, बीमारी और आपसी लड़ाई सहित अन्य तमाम कारणों से हुई।
मालूम हो कि एनटीसीए की ओर से 31 जुलाई 2019 को जारी हुई राष्ट्रीय बाघ आंकलन रिपोर्ट 2018 में बताया गया था कि मध्य प्रदेश में कुल बाघों की संख्या 526 दर्ज की गई है, जिसके कारण मध्य प्रदेश को ‘टाइगर स्टेट’ का दर्जा वापस मिल गया, जो उससे पहले आठ सालों तक कर्नाटक के पास था।
मध्य प्रदेश में कुल छह बाघ अभयारण्य हैं, जिनमें कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, सतपुड़ा, पन्ना और संजय डुबरी शामिल हैं। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)