सियाचिन में हिमपात, 2019 में छह सैन्यकर्मी हताहत, संघर्षविराम उल्लंघन की 2335 घटनाएं
By भाषा | Updated: February 3, 2020 20:14 IST2020-02-03T20:14:22+5:302020-02-03T20:14:22+5:30
रक्षा राज्य मंत्री श्रीपाद यसो नाइक ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सियाचिन क्षेत्र में हिमपात और हिमस्खलन की वजह से साल 2019 में छह सैन्यकर्मी हताहत हुए। लेकिन इस वर्ष 24 जनवरी 2020 तक ऐसी कोई दुर्घटना नहीं हुई है।

नाइक ने बताया कि बुलेटप्रूफ जैकेटों की कमी के कारण किसी भी सैनिक के हताहत होने की खबर नहीं है।
सरकार ने सोमवार को बताया कि सियाचिन क्षेत्र में हिमपात और हिमस्खलन की वजह से साल 2019 में छह सैन्यकर्मी हताहत हुए।
रक्षा राज्य मंत्री श्रीपाद यसो नाइक ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सियाचिन क्षेत्र में हिमपात और हिमस्खलन की वजह से साल 2019 में छह सैन्यकर्मी हताहत हुए। लेकिन इस वर्ष 24 जनवरी 2020 तक ऐसी कोई दुर्घटना नहीं हुई है।
नाइक ने बताया कि अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में हिमपात और हिमस्खलन के कारण 2019 में सेना के 11 जवान हताहत हुए। इस तरह की घटनाओं में अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में 24 जनवरी 2020 तक सेना के छह जवान हताहत हुए हैं। उन्होंने बताया कि हताहतों के परिजन के लिए निर्धारित लाभों का अक्तूबर 2019 तक हुई दुर्घटनाओं के लिए भुगतान किया जा चुका है।
नवंबर और दिसंबर में हुए हादसों के लिए लाभों का आंशिक भुगतान किया गया है और जनवरी 2020 में हुई इस तरह की दुर्घटनाओं के लिए भुगतान की प्रक्रिया चल रही है। एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में नाइक ने बताया कि बुलेटप्रूफ जैकेटों की कमी के कारण किसी भी सैनिक के हताहत होने की खबर नहीं है।
सरकार ने सोमवार को बताया कि जम्मू क्षेत्र में नियंत्रण रेखा पर 30 मई 2019 से 20 जनवरी 2020 तक संघर्षविराम उल्लंघन की 2335 घटनाएं हुई हैं। रक्षा राज्य मंत्री श्रीपाद यसो नाइक ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि 30 मई 2019 से 20 जनवरी 2020 तक जम्मू क्षेत्र में नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम उल्लंघन की 2335 घटनाएं हुई हैं जिनमें आठ सैन्य कर्मी हताहत हुए हैं। नाइक ने बताया कि जम्मू क्षेत्र में भारत - पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 30 मई 2019 से 15 जनवरी 2020 तक सीमा पर गोलीबारी की 177 घटनाएं हुईं।
रक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि ऐसी घटनाओं से निटपने के लिए सशस्त्र बलों की जरूरत पूरा करने की खातिर पर्याप्त बजट प्रावधान किए जाते हैं।