एलओसी पर तेजी से पिघल रही है बर्फ, घुसपैठियों को रोकने के लिए बढ़ी सुरक्षाबलों की चिंता

By सुरेश एस डुग्गर | Published: April 29, 2022 03:50 PM2022-04-29T15:50:38+5:302022-04-29T15:56:16+5:30

पाकिस्तान की सीमा से सटे जम्मू-कश्मीर की ऊंची पहाड़ियों पर बर्फ पिघलने के साथ ही पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की ओर से घुसपैठ से निपटने के लिए एलओसी पर सुरक्षाबलों ने सतर्कता बढ़ा दी है।

snow is melting rapidly on the LoC, the concern of the security forces increased to stop the infiltrators | एलओसी पर तेजी से पिघल रही है बर्फ, घुसपैठियों को रोकने के लिए बढ़ी सुरक्षाबलों की चिंता

एलओसी पर तेजी से पिघल रही है बर्फ, घुसपैठियों को रोकने के लिए बढ़ी सुरक्षाबलों की चिंता

Highlightsएलओसी पर बर्फ पिघलने के कारण आतंकियों के घुसपैठ वाले पारंपरिक रास्ते खुलते जा रहे हैंयही कारण है कि भारतीय सेना और सुरक्षाबल सीमा पर अतिरिक्त सतर्कता बरत रहे हैंसेना की अतिरिक्त कुमुक भी सीमावर्ती इलाकों में भेजी जा रही है ताकि घुसपैठ को सख्ती से रोका जा सके

जम्मू: कश्मीर घाटी में एलओसी और इंटरनेशनल बार्डर पर तैनात भारतीय सेनाएं इस बात से बेहद खुश हैं कि उन्होंने इस साल अभी तक आतंकी घुसपैठ की घटनाओं को रोके रखा है पर आने वाले दिनों में उनकी मुश्किलें इसलिए बढ़ने वाली हैं क्योंकि तापमान में तेजी से हो रही वृद्धि के कारण एलओसी के पहाड़ों पर जमी बर्फ तेजी से पिघलती जा रही है।

जिसके कारण पाक सेना और आईएसआई आतंकियों के घुसपैठ के अपने नापाक इरादों में तेजी ला सकते हैं। यही नहीं पास सेना आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए सीजफायर का भी उलंघन कर सकती है।

यही कारण है कि जम्मू-कश्मीर की ऊंची पहाड़ियों पर बर्फ पिघलने के साथ ही पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की ओर से घुसपैठ से निपटने के लिए एलओसी पर सुरक्षाबलों ने सतर्कता बढ़ा दी है।

गर्मियों में ऊंची पहाड़ियों पर बर्फ पिघलने के साथ ही सीमा पार से घुसपैठ की आशंका बढ़ जाती है। इस घुसपैठ से निपटने के लिए सेना और सुरक्षा बल हर साल विशेष कदम उठाते हैं।

सेना की उत्तरी कमान के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस संबंध में क्षेत्रीय कमांडरों के साथ विचार-विमर्श भी किया और घुसपैठ रोकने के लिए उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी ली है।

इस मामले में रक्षा सूत्रों ने बताया कि सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण एलओसी पर तारबंदी को भारी नुकसान हुआ है। हालांकि घुसपैठ रोकने के लिए सेना के जवान सतर्क रहे है और घुसपैठ के ज्यादातर प्रयास विफल कर दिए गए। वैसे सेना के इस दावे से राज्य पुलिस और खुफिया एजेंसियां सहमत नहीं हैं।

एक रक्षा अधिकारी के बकौल अभी सारा ध्यान एलओसी पर केंद्रित है क्योंकि इस बार भीषण गर्मी के कारण बर्फ तेजी से पिघल रही है और घुसपैठ के पारंपारिक रास्ते समय से पहले खुलने लगे हैं। उनका कहना था कि  भीतरी इलाकों में जो भी आतंकी हैं, वे तो वहीं रहेंगे।

सेना की प्राथमिकता अभी यह सुनिश्चित करना है कि एलओसी पर घुसपैठ रोधी ग्रिड को और सख्त किया जाए। हालांकि, संघर्ष विराम समझौता अभी भी अमल में हैं मगर बर्फ पिघलने के साथ ही घुसपैठ का मौसम शुरू हो जाएगा।

दूसरे अधिकारी ने कहा कि इसके पीछे का पूरा विचार यह है कि कोई भी इंफिल्ट्रेशन (घुसपैठ) या एक्सफिल्ट्रेशन (सीमा पार जाना) नहीं होना चाहिए। एलओसी से न कोई अंदर आ पाए और न ही कोई बाहर जाए। घाटी के भीतर जो भी आतंकी छिपे हैं, उनका तो वैसे भी मुकाबला किया जाएगा, क्योंकि वहां अभियान लगातार जारी है।

इसके साथ ही उन्होंने यह कहा कि आतंकियों के घुसपैठ को रोकरने के लिए सेना की ओर से एलओसी पर अतिरिक्त कुमुक भिजवाई जा रही है।

Web Title: snow is melting rapidly on the LoC, the concern of the security forces increased to stop the infiltrators

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