भारत में मुसीबत बना परफ्यूम बम, पाक ड्रोन के जरिए सीमा में दाखिल, अलर्ट पर जवान
By सुरेश एस डुग्गर | Published: February 3, 2023 02:47 PM2023-02-03T14:47:53+5:302023-02-03T14:47:53+5:30
पाकिस्तान की ओर से भारत में ड्रोन के जरिए परफ्यूम की बोतल की तरह भेजे जा रहे छोटे-छोटे बम से जवानों की मुश्किलें बढ़ गई है, अब जवानों को इससे निपटने के लिए स्थायी हथियार ढूढ़ना होगा जिससे इन्हें सीमा में दाखिल होने से रोका जा सके।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से आ रहे पाकिस्तानी ड्रोन ने भारतीयों जवानों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। पहली बार किसी हाइब्रिड आतंकी से बरामद परफ्यूम बम ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में जुटे सुरक्षाबलों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी। अभी तक वे पिछले कुछ महीनों से स्टिकी बमों का मुकाबला करने के लिए योजना की तलाश में जुटे थे कि अब ये नई मुसीबत सामने आ गई है।
आतंकवाद की शुरूआत के साथ ही जम्मू-कश्मीर में बड़े हथियारों और गोला बारूद का आना इसलिए संभव हुआ था क्योंकि एलओसी पर न ही तारबंदी थी और न ही इतनी संख्या में सैनिक कभी तैनात हुए थे। मगर अब हालात बदले तो पाकिस्तानी खुफिया संस्था आईएसआई व पाक सेना ने भी अपनी रणनीतियों को बदल लिया। नतीजतन आतंकियों के ‘खास पसंद’ और धमाके करने में आसान वाले हथियारों को वह वाया ड्रोन इस ओर भिजवा रही है।
इनमें अभी तक हथगोले, टिफिन बम, प्रेशर कुकर बम, स्टिकी बम और छोटी-छोटी आईईडी थी। हालांकि, अब इनमें परफ्यूम की बोलत टाइप के बोतल बम भी शमिल हो गए हैं। अधिकारियों को आशंका है कि पाक सेना ने और भी कुछ आइटमों को छोटे बमों में बदला है जिनकी पहचान कर पाना आसान नहीं है।
अधिकारियों ने इसे माना है कि पिछले कुछ महीनों से अगर कश्मीर में हथगोलों के हमले बढ़े हैं तो जम्मू संभाग में स्टिकी बम आतंक फैलाए हुए हैं। पकड़े गए अध्यापक-आतंकी ने भी इसे माना है कि कटरा में यात्री बस में विस्फोट में उसने स्टिकी बम लगाया था जिसे कई दिनों तक पुलिस इंजन में हुआ धमाका बताती रही थी। इस घटना में चार श्रद्धालु मारे गए थे।
अब सुरक्षाबलों के लिए परेशानी यह है कि वह ड्रोन की उड़ानों पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। खबरों के मुताबिक, दरअसल एलओसी के इलाकों में पाक सेना ऐसे चीन निर्मित ड्रोनों का इस्तेमाल करने लगी है जो न ही आवाज करते हैं और न ही कोई रोशनी उनमें होती है। यह भी बताया जा रहा है इनमें से कई राडार की पकड़ में भी नहीं आ रहे हैं। एक ऐसा ड्रोन बरामद भी हो चुका है पर इसकी आधिकारिक पुष्टि होना अभी बाकी है।