‘सिंघू बार्डर’ को किले में तब्दील किया गया, किसी को प्रदर्शन स्थल पर जाने की अनुमति नहीं

By भाषा | Updated: January 29, 2021 16:19 IST2021-01-29T16:19:48+5:302021-01-29T16:19:48+5:30

'Singhu Border' has been converted into a fort, no one is allowed to visit the protest site | ‘सिंघू बार्डर’ को किले में तब्दील किया गया, किसी को प्रदर्शन स्थल पर जाने की अनुमति नहीं

‘सिंघू बार्डर’ को किले में तब्दील किया गया, किसी को प्रदर्शन स्थल पर जाने की अनुमति नहीं

नयी दिल्ली, 29 जनवरी किसान आंदोलन के प्रमुख केंद्र ‘सिंघू बार्डर’ पर बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था किए जाने, सभी तरफ बैरीकेड लगाए जाने, सभी प्रवेश मार्गों को बंद करने एवं हजारों सुरक्षाकर्मियों के मार्च करने के साथ शुक्रवार को यह जगह एक तरह से किले में तब्दील कर दी गई।

स्थानीय लोगों और प्रदर्शनकारियों के बीच आज हुई झड़प के बाद सुरक्षाकर्मी अत्यंत चौकसी बरत रहे हैं।

दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई हिंसा में 394 पुलिसकर्मियों के घायल होने एवं एक प्रदर्शनकारी की मौत होने के बाद इस प्रदर्शन स्थल पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पाबंदियां लगा दी गई हैं। वहां कंक्रीट के कई बैरीकेड एवं अन्य अवरोधक लगाए गए हैं तथा किसी को भी, यहां तक कि मीडियाकर्मियों को भी प्रदर्शनस्थल पर नहीं जाने दिया जा रहा है।

बैरीकेड के दूसरी तरफ खड़े हरियाणा के कैथल के निवासी 26 वर्षीय मंजीत ढिल्लों ने कहा, ‘‘ये लाठियां, आंसू गैस के गोले और हथियार हमें डरा नहीं सकते। हम नहीं झुकेंगे, हम तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पूरी होने तक नहीं जाएंगे।’’

वैसे तो कुछ प्रदर्शनकारियों के बीच बेचैनी नजर आ रही है, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और किसान मजदूर संघर्ष समिति (केएमएससी) के संबंधित मंचों पर कुछ नहीं बदला है। उन मंचों पर पहले की तरह ही ऊंची आवाज में भाषण दिए जा रहे हैं।

एसककेएम ने केएमएससी, अभिनेता से नेता बने दीप सिद्धू और केंद्र सरकार पर 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा का ठीकरा फोड़ा था।

इस पूरे क्षेत्र में केवल राम भदोस (18) की दुकान खुली है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं दुकान नहीं खोलना चाहता था। मैं डरा हुआ हूं कि कहीं हिंसक स्थिति पैदा न हो जाए। (लेकिन) उन्होंने (सुरक्षाकर्मियों) मुझे चाय की दुकान खोलने और उन्हें चाय पिलाने को कहा। उन्होंने कहा कि वे मेरी रक्षा करेंगे।’’

तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर मंगलवार को किसानों द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर परेड हिंसक हो गई थी और प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया था, गाड़ियां पलट दी थीं एवं ऐतिहासिक लालकिले के प्राचीर पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया था।

पुलिस ने बृहस्पतिवार को किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया और गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा के पीछे की ‘साजिश’ की जांच की घोषणा की थी।

इस हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने अब तक 33 प्राथमिकियां दर्ज की हैं और किसान नेताओं समेत 44 लोगों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किए हैं।

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Web Title: 'Singhu Border' has been converted into a fort, no one is allowed to visit the protest site

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