Shivaji statue collapse: छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने को लेकर राजनीति तेज, पक्ष और विपक्ष में रार, जानें अपडेट
By सतीश कुमार सिंह | Published: September 5, 2024 12:45 PM2024-09-05T12:45:07+5:302024-09-05T13:01:14+5:30
Shivaji statue collapse: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने आरोप लगाया कि पिछले महीने सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने का कारण ‘भ्रष्टाचार’ है।
Shivaji statue collapse:महाराष्ट्र में सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने को लेकर राजनीति तेज हो गई है। शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पालघर रैली मेंसिर झुका कर माफी मांग चुके हैं। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और सिंधुदुर्ग जिले के संरक्षक मंत्री ने सरकार की ओर से अपनी संवेदना व्यक्त की। घटना के मामले में वांछित मूर्तिकार-ठेकेदार जयदीप आप्टे को ठाणे के कल्याण से गिरफ्तार कर लिया गया है। आप्टे (24) द्वारा बनाई गई प्रतिमा उद्घाटन के नौ महीने से भी कम समय बाद 26 अगस्त को ढह गई थी।
जिसके बाद से ही सिंधुदुर्ग पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। पुलिस ने उसकी तलाश के लिए सात टीम गठित की थीं। मालवण पुलिस ने शिवाजी की प्रतिमा ढहने के बाद आप्टे और संरचना सलाहकार चेतन पाटिल के खिलाफ लापरवाही और अन्य अपराधों के लिए मामला दर्ज किया था। पाटिल को पिछले हफ्ते कोल्हापुर से गिरफ्तार कर लिया गया था। पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
खजाने से ‘236 करोड़ रुपये’ निकाले गये
विधानसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे को विपक्ष जिंदा रखना चाहती है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने आरोप लगाया कि पिछले महीने सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने का कारण ‘भ्रष्टाचार’ है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि तटीय सिंधुदुर्ग में गिर गयी शिवाजी महाराज की प्रतिमा के निर्माण पर मात्र 1.5 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि इस कार्य के लिए राज्य के खजाने से ‘236 करोड़ रुपये’ निकाले गये थे। सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए कदम उठाए हैं, वहीं विपक्ष ने प्रशासन की कड़ी आलोचना की है।
Shivaji statue collapse: सांप्रदायिक रंग भरने का आरोप
कई लोगों का मानना है कि विपक्ष इस घटना को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है। महाराष्ट्र में कुछ लोगों द्वारा अपमानजनक माना है। विपक्षी नेताओं ने राजकोट दौरा किया। विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार सहित विपक्षी नेता अंबादास दानवे, विधान परिषद में विपक्ष के नेता व राकांपा नेता जयंत पाटिल, कांग्रेस नेता सतेज पाटिल और उद्धव ठाकरे गुट के आदित्य ठाकरे ने पहुंचे।
आदित्य ठाकरे और उनके सहयोगियों ने सांसद नारायण राणे और उनके समर्थकों के प्रति अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। राजकोट किले पर मशालों के साथ पार्टी के झंडे लहराते देखे गए, जिससे विवाद खड़ा हो गया है। सिंधुदुर्ग के निवासियों ने विपक्ष के कार्यों की आलोचना की। शरद पवार, नाना पटोले और उद्धव ठाकरे पर मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांप्रदायिक रंग भरने का आरोप लगाया गया था।
Shivaji statue collapse: प्रतिमा निर्माण कार्य एक से डेढ़ करोड़ रुपये में पूरा हुआ
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के अन्य नेताओं पर भी प्रहार किया जिन्होंने विपक्ष पर प्रतिमा गिरने की घटना का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है। पटोले ने दावा किया कि सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में शिवाजी महाराज की प्रतिमा के निर्माण के नाम पर राज्य सरकार के खजाने से लगभग 236 करोड़ रुपये निकाले गए।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘लेकिन हमारी जानकारी के अनुसार, प्रतिमा निर्माण कार्य एक से डेढ़ करोड़ रुपये में पूरा हुआ।’’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अनावरण किये जाने के आठ महीने से अधिक समय बाद 26 अगस्त को यह प्रतिमा ढह गई, जिससे राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया। छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले में गिरफ्तार किए गए ठेकेदार जयदीप आप्टे के वकील ने दावा किया कि उनका मुवक्किल अपने परिवार से मिलने ठाणे जिले के कल्याण आया था, क्योंकि वह पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करना चाहता था।
Shivaji statue collapse: पुलिस के सामने आत्मसमर्पण
आप्टे को पुलिस की एक टीम ने बुधवार रात कल्याण में उसके घर के पास से गिरफ्तार किया। आप्टे (24) द्वारा बनाई गई छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा उद्घाटन के नौ महीने से भी कम समय बाद 26 अगस्त को ढह गई थी, जिसके बाद से ही सिंधुदुर्ग पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। पुलिस ने उसकी तलाश के लिए सात टीम गठित की थीं।
बुधवार देर रात आप्टे के वकील गणेश सोवनी ने कहा कि उनके मुवक्किल ने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन करने के बजाय पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने और कानूनी कार्रवाई का सामना करने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि आप्टे ने बुधवार को यह निर्णय लिया था और वह पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए कल्याण आए थे।
Shivaji statue collapse: विपक्ष एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साध रहा
सोवनी ने कहा, ‘‘हमने उनके परिवार के सदस्यों से बातचीत की और फैसला किया कि आप्टे के लिए आत्मसमर्पण करना और जांच एजेंसी की सहायता करना उचित होगा।’’ उन्होंने पुलिस के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि आप्टे छिपा हुआ था। दूसरी तरफ, पुलिस ने कहा कि उन्हें सूचना मिली थी कि आप्टे कल्याण में अपने परिवार के सदस्यों से मिलने आएगा जिसके बाद जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार किया।
एक अधिकारी ने बताया कि कोई उसे पहचान न सके, इसके लिए उसने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था। शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने से महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साध रहा है।
Shivaji statue collapse: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उद्घाटन किया था
प्रतिमा के गिरने के बाद मालवण पुलिस ने आप्टे और ‘स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट’ चेतन पाटिल के खिलाफ लापरवाही और अन्य अपराधों के लिए मामला दर्ज किया था। पाटिल को पिछले सप्ताह कोल्हापुर से गिरफ्तार किया जा चुका है। महाराष्ट्र मुख्यमंत्री रह चुके पवार ने कहा, ‘‘छत्रपति शिवाजी महाराज ने ही समुद्र के सामरिक महत्व को रेखांकित किया था और सिंधुदुर्ग तथा अन्य समुद्री किलों का निर्माण कराया था। यह देखना चौंकाने वाला था कि कुछ महीने पहले ही बनी प्रतिमा ढह गई जिसका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उद्घाटन किया था।’’