शिव सेना ने पीएम मोदी पर कसा तंज, मुखपत्र में लिखा- ईमेल से इंटरव्यू देंगे तो पत्रकार हो जाएंगे बेरोजगार
By भाषा | Published: August 13, 2018 08:55 PM2018-08-13T20:55:23+5:302018-08-13T20:55:47+5:30
शिव सेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा गया है कि यदि प्रधानमंत्री ईमेल के जरिए साक्षात्कार देना जारी रखेंगे तो पत्रकार जल्द ही अपनी नौकरियां गंवा बैठेंगे और इस तरह उन लोगों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने का जिम्मा उन्हीं का होगा।
मुंबई, 13 अगस्त (भाषा) शिवसेना ने आज आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को साक्षात्कार देने के लिए ईमेल का शार्टकट रास्ता चुना है। पार्टी ने इसे दुष्प्रचार और चीन या रूस जैसे कम्युनिस्ट देशों में मौजूद एक तरह की परंपरा बताया।
शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में कहा गया है कि प्रधानमंत्री को इसके बजाय आमने सामने के साक्षात्कारों में लोगों के सवालों का जवाब देना चाहिए।
कुछ मीडिया संगठनों द्वारा प्रकाशित प्रधानमंत्री के साक्षात्कारों पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए शिवसेना ने आरोप लगाया कि मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद किसी संवाददाता सम्मेलन को संबोधित नहीं किया है और यह उनकी शख्सियत के अनुरूप नहीं है क्योंकि 2014 के लोकसभा चुनावों तक वह पत्रकारों के ‘‘मित्र’’ थे।
पार्टी ने कहा, ‘‘लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपने चारों ओर एक घेरा बना लिया है।’’
संपादकीय में कहा गया है कि यदि प्रधानमंत्री ईमेल के जरिए साक्षात्कार देना जारी रखेंगे तो पत्रकार जल्द ही अपनी नौकरियां गंवा बैठेंगे और इस तरह उन लोगों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने का जिम्मा उन्हीं का होगा।
शिवसेना ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अचानक ही ईमेल के जरिए साक्षात्कार दिए। इसका मतलब है कि वे आमने सामने बैठ कर लिए गए साक्षात्कार नहीं थे। पत्रकार प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को प्रश्न भेजते हैं और उन्हें लिखित उत्तर दिया जाता है।
पार्टी ने कहा कि दूसरे शब्दों में इसे प्रचार या दुष्प्रचार कहा जा सकता है।
शिवसेना ने कहा कि इस तरह के साक्षात्कार चीन या रूस जैसे देशों में दिए जाते हैं, जहां साम्यवाद मौजूद है। पार्टी ने इसे वहां मौजूद एक तरह की परंपरा बताया।
संपादकीय में कहा गया है कि आमने सामने के साक्षात्कारों में पत्रकारों को सवाल पूछने का मौका मिलता है। इसमें कहा गया है, ‘‘बेशक मौजूदा प्रधानमंत्री ने इस तरह की चीज को समाप्त कर दिया और सिर्फ सुविधाजनक जवाब दिए हैं।’’
इसमें कहा गया है कि बेरोजारी जैसे मुद्दों पर लोगों के मन में सवाल हैं और यह जरूरी है कि खुद को प्रधान सेवक मानने वाले मोदी उन सवालों का जवाब दें।
शिवसेना ने कहा, ‘‘लेकिन इसके बजाय ईमेल साक्षात्कार का शार्टकट रास्ता चुना गया।’’