कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बावजूद वैष्णो देवी की यात्रा कर रहे लोग, प्रशासन पर उठ रहे कई तरह के सवाल
By सुरेश एस डुग्गर | Published: April 26, 2021 07:52 PM2021-04-26T19:52:53+5:302021-04-26T19:52:53+5:30
यही हाल वैष्णो देवी की यात्रा का है जहां बीते 24 अप्रैल को करीब 1400 श्रद्धालुओं ने वैष्णो देवी के चरणों में हाजिरी लगाई तो वही 25 अप्रैल रविवार को बाद दोपहर 2 बजे तक मात्र 600 श्रद्धालु ही भवन की ओर प्रस्थान किए थे।
जम्मू, 26 अप्रैल। कश्मीर में रमजान के दौरान मस्जिदों में सामूहिक नमाज अता करने के मुद्दे पर कश्मीरी बंट गए हैं। ऐसी ही दुविधा प्रशासन की है जो कोरोना के बढ़ते के प्रकोप के बावजूद वैष्णो देवी की यात्रा को रोकने के प्रति कोई फैसला फिलहाल नहीं कर पाया है जबकि यात्रा घट कर 600 रह गई है।
रमजान का महीना होने के कारण कश्मीर में लोग मस्जिदों में सामूहिक नमाज अता करने के लिए एकत्र हो रहे हैं। प्रशासन की ओर से उन्हें ऐसा करने से अप्रत्यक्ष तौर पर रोका जा रहा है पर कई इलाकों में नमाजी प्रशासन के आग्रह को मानने को राजी नहीं हैं। जिस कारण कश्मीरी इस मुद्दे पर बंटता हुआ नजर आ रहा है।
वर्तमान में यहां वैष्णो देवी के भवन प्रांगण के साथ ही मार्ग यहां ताकि आधार शिविर कटड़ा में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है। इक्का-दुक्का श्रद्धालु ही नजर आ रहे हैं। हालांकि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बावजूद वैष्णो देवी यात्रा को बंद नहीं किया गया है परंतु बावजूद हालात बंद जैसे ही बने हुए हैं और नाममात्र श्रद्धालु ही वैष्णो देवी के दर्शन मौजूदा समय में कर रहे हैं।
जहां कोरोना महामारी के कारण हर तरफ सन्नाटा पसरा हुआ है तो दूसरी ओर व्यापारी वर्ग के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। पारंपरिक तौर पर जारी माह में वैष्णो देवी की यात्रा के लिए प्रतिदिन 30 से 40000 श्रद्धालुओं का आंकड़ा निरंतर बना रहता है परंतु कोरोना महामारी ने बीते वर्ष से वर्तमान तक सब कुछ चौपट कर के रख दिया है। जिसके कारण व्यापारी वर्ग बुरी तरह से परेशान होकर रह गया है।
इस दशा के बावजूद प्रशासन वैष्णो देवी की यात्रा को रोकने का फैसला नहीं कर पा रहा है जबकि सच्चाई यह है कि प्रदेश के बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या नगण्य हो चली है और प्रदेश में कोरोना मामलों में 35 परसेंट का योगदान टूरिस्ट और भक्त ही दे रहे हैं।