शाहीन बाग पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी-विरोध की एक सीमा, सार्वजनिक स्थल न घेरे जाएं

By स्वाति सिंह | Published: October 7, 2020 11:02 AM2020-10-07T11:02:54+5:302020-10-07T11:05:22+5:30

दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ करीब 100 दिनों तक लोग सड़क रोक कर बैठे थे। दिल्ली को नोएडा और फरीदाबाद से जोड़ने वाले एक अहम रास्ते को रोक दिए जाने से रोज़ाना लाखों लोगों को परेशानी हो रही थी।

SC's strict comment on Shaheen Bagh - cannot be performed indefinitely in public places | शाहीन बाग पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी-विरोध की एक सीमा, सार्वजनिक स्थल न घेरे जाएं

कोर्ट ने कहा कि हमने दो सदस्यीय समिति बनाई थी जिसने रिपोर्ट भी दी थी

Highlightsशाहीन बाग में सड़क रोक कर बैठी भीड़ को हटाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा, 'सार्वजनिक स्थल को धरना प्रदर्शन के लिए नहीं घेरा जाना चाहिए।

नई दिल्ली: शाहीन बाग में CAA विरोधी आंदोलन के दौरान सड़क रोक कर बैठी भीड़ को हटाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि हमने दो सदस्यीय समिति बनाई थी जिसने रिपोर्ट भी दी थी, लेकिन प्रदर्शन लगातार चलता रहा और हम इस पर गंभीर है कि लोगों को इससे परेशानी हुई। धरना प्रदर्शन के सड़क या सार्वजनिक स्थल पर धरना प्रदर्शन के अधिकार में लोगों कि सहूलियत का ख्याल रखा जाना चाहिए। विरोध कि भी एक सीमा होती है। सार्वजनिक स्थल को धरना प्रदर्शन के लिए नहीं घेरा जाना चाहिए। यह लोगों के लिए परेशानी का कारण बनता है।

बता दें कि दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ करीब 100 दिनों तक लोग सड़क रोक कर बैठे थे। दिल्ली को नोएडा और फरीदाबाद से जोड़ने वाले एक अहम रास्ते को रोक दिए जाने से रोज़ाना लाखों लोगों को परेशानी हो रही थी। इसके खिलाफ वकील अमित साहनी और बीजेपी नेता नंदकिशोर गर्ग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

Web Title: SC's strict comment on Shaheen Bagh - cannot be performed indefinitely in public places

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