पैगंबर टिप्पणी विवादः SC ने पत्रकार नविका कुमार के खिलाफ दर्ज सभी FIR दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर किया, दंडात्मक कार्रवाई पर लगाई रोक
By अनिल शर्मा | Published: September 23, 2022 01:33 PM2022-09-23T13:33:45+5:302022-09-23T13:37:07+5:30
शीर्ष अदालत ने कुमार को प्राथमिकी रद्द करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय जाने की छूट भी दी। दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट मामले की जांच करेगी।

पैगंबर टिप्पणी विवादः SC ने पत्रकार नविका कुमार के खिलाफ दर्ज सभी FIR दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर किया, दंडात्मक कार्रवाई पर लगाई रोक
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पत्रकार नविका कुमार के खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर को खारिज करते हुए इसे दिल्ली पुलिस को स्थानांतरित कर दिया। साथ ही किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई पर भी रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि कुमार के खिलाफ आठ सप्ताह की अवधि के लिए कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
शीर्ष अदालत ने कुमार को प्राथमिकी रद्द करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय जाने की छूट भी दी। दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट मामले की जांच करेगी। इससे पहले 8 अगस्त को शीर्ष अदालत ने टाइम्स नाउ के एंकर को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिया था और कुमार की याचिका पर केंद्र, पश्चिम बंगाल सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया था। जिसमें उनके खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही को रद्द करने की मांग की गई थी।
SC transfers all FIRs filed against Times Now anchor Navika Kumar to IFSO unit of Delhi Police
— ANI (@ANI) September 23, 2022
SC says no coercive action to be taken against Kumar for a period of 8 weeks so she can approach appropriate forum for remedies. Kumar at liberty to move Delhi HC for quashing FIRs. pic.twitter.com/iFsBsNtbM6
एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर पर नूपुर शर्मा की टिप्पणी ने पूरे देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। कई खाड़ी देशों ने भी टिप्पणियों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने इस मामले में 16 सितंबर को आदेश सुरक्षित रख लिया था। पीठ ने निर्देश पारित करने के लिए नूपुर शर्मा के मामले में पारित आदेश पर भरोसा किया। कोर्ट ने 8 अगस्त को याचिका में नोटिस जारी करते हुए उन्हें प्राथमिकी पर अंतरिम सुरक्षा प्रदान किया था।