जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाये जाने और आर्टिकल-370 हटाने के बाद बदले हालात में प्रशासन द्वारा नाबालिगों को गैरकानूनी रूप से हिरासत में लिये जाने के आरोप को जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने अपनी रिपोर्ट में गलत बताया है।
आरोपों पर जम्मू-कश्मीर के चार जजों ने अपनी रिपोर्ट शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को सौंपी। जम्मू-कश्मीर के जजों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि याचिकाकर्ता इनाक्शी गांगुली के नाबालिगों के डिटेन किए जाने के आरोप गलत है।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के रिपोर्ट पर कहा कि ऐसा लगता है कि गलत सूचना फैलाई गई और किसी भी नाबालिग को डिटेन नहीं किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'नाबालिगों को गैरकानूनी रूप से हिरासत में रखने के आरोपों पर जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट की किशोर न्याय समिति की रिपोर्ट से हम संतुष्ट हैं।'
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नाबालिगों की कथित हिरासत के बारे में कोई शिकायत होने पर याचिकाकर्ता उचित मंच से संपर्क कर करने के लिए स्वतंत्र हैं। कोर्ट ने साथ ही कहा, 'हम अपने ही न्यायाधीशों पर भरोसा नहीं करेंगे तो यह उचित नहीं होगा।'