लाइव न्यूज़ :

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आतंकियों से कहा- उनको मारो जिन्होंने कश्मीर को लूटा है, बयान पर बवाल

By भाषा | Updated: July 22, 2019 02:52 IST

लद्दाख संभाग के करगिल में एक पर्यटन कार्यक्रम में मलिक ने कहा, ‘‘ये लड़के जिन्होंने हथियार उठाये है वे अपने ही लोगों की हत्या कर रहे हैं, वे पीएसओ (निजी सुरक्षा अधिकारियों) और एसपीओ (विशेष पुलिस अधिकारियों) की हत्या कर रहे हैं। इनकी हत्या क्यों कर रहे हो? उनकी हत्या करो जिन्होंने कश्मीर की सम्पदा लूटी है। क्या तुमने इनमें से किसी वको मारा है?’’

Open in App

जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को आतंकवादियों से कहा कि वे सुरक्षाकर्मियों समेत बेगुनाहों की हत्या करना बंद करें और इसके बजाय उन लोगों को निशाना बनायें ‘‘जिन्होंने वर्षों तक कश्मीर की सम्पदा को लूटा’’ है। राज्यपाल के इस बयान पर राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो सकता है। राज्यपाल के इस बयान की मुख्यधारा के नेताओं ने आलोचना की है।

लद्दाख संभाग के करगिल में एक पर्यटन कार्यक्रम में मलिक ने कहा, ‘‘ये लड़के जिन्होंने हथियार उठाये है वे अपने ही लोगों की हत्या कर रहे हैं, वे पीएसओ (निजी सुरक्षा अधिकारियों) और एसपीओ (विशेष पुलिस अधिकारियों) की हत्या कर रहे हैं। इनकी हत्या क्यों कर रहे हो? उनकी हत्या करो जिन्होंने कश्मीर की सम्पदा लूटी है। क्या तुमने इनमें से किसी वको मारा है?’’

राज्यपाल की इस टिप्पणी पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मलिक को दिल्ली में अपनी प्रतिष्ठा की पड़ताल करनी चाहिए। अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘यह शख्स जो जाहिर तौर पर एक जिम्मेदार संवैधानिक पद पर काबिज है और वह आतंकवादियों को भ्रष्ट समझे जाने वाले नेताओं की हत्या के लिये कह रहा है।’’

बाद में, नेकां नेता ने कहा, ‘‘इस ट्वीट को सहेज लें- आज के बाद जम्मू-कश्मीर में मारे गये किसी भी मुख्यधारा के नेता या सेवारत/सेवानिवृत्त नौकरशाह की अगर हत्या होती है तो समझा जायेगा कि यह जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के आदेशों पर की गयी है।’’

राज्य कांग्रेस प्रमुख जीए मीर ने पूछा, ‘‘क्या वह जंगल राज को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं?’’ उन्होंने कहा कि मलिक जिस संवैधानिक पद पर हैं, उनका यह बयान उसकी गरिमा के खिलाफ है। हालांकि राज्यपाल ने फौरन यह भी कहा कि हथियार उठाना कभी भी किसी समस्या का हल नहीं हो सकता और उन्होंने श्रीलंका में लिट्टे का उदाहरण दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार कभी हथियार के आगे घुटने नहीं टेकेगी।’’ उन्होंने आतंकवादियों से हिंसा का रास्ता नहीं अपनाने को कहा। उन्होंने मुख्यधारा के नेताओं पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि ये नेता दिल्ली में अलग भाषा बोलते हैं और कश्मीर में कुछ और बोलते हैं।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरसत्यपाल मलिकउमर अब्दुल्लामोदी सरकारआतंकवादीटेरर फंडिंग
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

क्रिकेटवैभव सूर्यवंशी की टीम बिहार को हैदराबाद ने 7 विकेट से हराया, कप्तान सुयश प्रभुदेसाई ने खेली 28 गेंदों में 51 रन की पारी, जम्मू-कश्मीर को 7 विकेट से करारी शिकस्त

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो के उड़ानों के रद्द होने पर राहुल गांधी ने किया रिएक्ट, बोले- "सरकार के एकाधिकार मॉडल का नतीजा"

भारतसंचार साथी ऐप में क्या है खासियत, जिसे हर फोन में डाउनलोड कराना चाहती है सरकार? जानें

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट