मशहूर संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा का 84 साल की उम्र में निधन, पीएम मोदी ने कहा- हमारी सांस्कृतिक दुनिया और भी गरीब हो गई
By अनिल शर्मा | Published: May 10, 2022 01:00 PM2022-05-10T13:00:08+5:302022-05-10T13:28:37+5:30
शिवकुमार शर्मा ने ही संतूर को एक व्यापक पहचान दिलाई। संतूर कभी जम्मू-कश्मीर का एक अल्पज्ञात वाद्य था। शर्मा ने इसे एक शास्त्रीय दर्जा दिया और इसे अन्य पारंपरिक और प्रसिद्ध वाद्ययंत्रों जैसे सितार और सरोद के समकक्ष खड़ा किया।
मुंबईः भारतीय संगीतकार और संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा का मुंबई में निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे। वह पिछले छह महीने से किडनी संबंधी समस्याओं से पीड़ित थे और डायलिसिस पर थे। जानकारी के मुताबिक, कार्डियक अरेस्ट के कारण उनका निधन हुआ।
शिवकुमार के निधन पर पीएम मोदी ने शोक व्यक्त किया है। नरेंद्र मोदी ने लिखा, पंडित शिवकुमार शर्मा जी के निधन से हमारी सांस्कृतिक दुनिया और भी गरीब हो गई। उन्होंने संतूर को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाया। उनका संगीत आने वाली पीढ़ियों को मंत्रमुग्ध करता रहेगा। मुझे उनके साथ अपनी बातचीत अच्छी तरह याद है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। शांति।
Our cultural world is poorer with the demise of Pandit Shivkumar Sharma Ji. He popularised the Santoor at a global level. His music will continue to enthral the coming generations. I fondly remember my interactions with him. Condolences to his family and admirers. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 10, 2022
गौरतलब है कि शिवकुमार शर्मा ने ही संतूर को एक व्यापक पहचान दिलाई। संतूर कभी जम्मू-कश्मीर का एक अल्पज्ञात वाद्य था। शर्मा ने इसे एक शास्त्रीय दर्जा दिया और इसे अन्य पारंपरिक और प्रसिद्ध वाद्ययंत्रों जैसे सितार और सरोद के समकक्ष खड़ा किया। शिव-हरि के आधे हिस्से के रूप में, उन्होंने सिलसिला, लम्हे और चांदनी जैसी फिल्मों के लिए बांसुरी के दिग्गज पंडित हरि प्रसाद चौरसिया के साथ संगीत तैयार किया।
संगीत संसार के लिए बड़ा आघात ! पंडित शिवकुमार शर्मा जी के निधन से शुद्धतावादी वाद्य कला का एक युग समाप्त..
— Yatindra Mishra/यतीन्द्र मिश्र (@Yatindra76) May 10, 2022
मन बहुत खिन्न है, एक एक करके हमारे सारे मूर्धन्य जा रहे हैं
विनम्र श्रद्धांजलि 🙏#PanditShivkumarSharmapic.twitter.com/XdhNEMvUOf
कला मर्मज्ञ यतींद्र मिश्र ने शिवकुमार के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वाद्य कला का एक युग समाप्त हो गया। उन्होंने ट्वीट किया, संगीत संसार के लिए बड़ा आघात ! पंडित शिवकुमार शर्मा जी के निधन से शुद्धतावादी वाद्य कला का एक युग समाप्त.. मन बहुत खिन्न है, एक एक करके हमारे सारे मूर्धन्य जा रहे हैं विनम्र श्रद्धांजलि।
शिवकुमार शर्मा के बेटे राहुल शर्मा भी मशहूर संतूर वादक हैं। 2016 में हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक साक्षात्कार में अपने पिता के बारे में बोलते हुए राहुल ने कहा था, "जब पिताजी सिलसिला (1981) के संगीत पर काम कर रहे थे, तो वे यशजी ( दिवंगत फिल्म निर्माता) के घर पर बैठे थे। हम (राहुल और उनके बड़े भाई, रोहित) बच्चे थे, और वहां मौजूद थे। 70 और 80 के दशक के उत्तरार्ध में बड़े होने के दौरान अमिताभ बच्चन हमारे पसंदीदा थे। जब वे अंदर आए, तो उन्होंने कहा, 'अरे यहाँ तो पूरी बच्चा पार्टी याहू पर है।' हम उन्हें देखते रहे। वह 'रंग बरसे' पर एक चर्चा के लिए आए थे (बच्चन ने सिलसिला में गाना गाया था)। हम उनपर मोहित थे और मेरे पिताजी उन्हें गाना समझा रहे थे। यह मेरी स्मृति में अंकित कई पलों में से एक है।