केंद्र सरकार पर संजय राउत ने बोला हमला, कहा- दिल्ली शिवसेना को करना चाहती है बर्बाद
By मनाली रस्तोगी | Published: July 23, 2022 04:28 PM2022-07-23T16:28:57+5:302022-07-23T16:30:13+5:30
महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) समेत कई नगर निकायों में चुनाव होने हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाले शिवसेना के गुट ने भी निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि वह पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावे से जुड़े किसी भी आवेदन पर फैसला लेने से पहले उसका पक्ष सुने।
मुंबई: निर्वाचन आयोग ने उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले शिवसेना के दोनों गुटों से पार्टी के चुनाव चिह्न पर उनके दावों के समर्थन में आठ अगस्त तक दस्तावेज जमा कराने को कहा है। ऐसे में शिवसेना सांसद संजय राउत ने शनिवार को निर्वाचन आयोग निशाना साधा। शिवसेना सांसद ने कहा कि चुनाव आयोग का यह कदम महाराष्ट्र के लोगों के लिए 'चौंकाने वाला' है।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए राउत ने कहा, "यह महाराष्ट्र के लोगों के लिए चौंकाने वाला है। बालासाहेब ठाकरे ने 56 साल पहले बनाई थी पार्टी, हिंदुत्व और चुनाव आयोग के बारे में सोचकर उनके संगठन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। दिल्ली हमारी पार्टी को बर्बाद करना चाहती है। उद्धव ठाकरे आज शिवसेना के इकलौते नेता हैं।"
It's shocking for Maharashtra's people. Balasaheb Thackeray formed the party 56 yrs ago, thinking about Hindutva & EC is raising questions on his organisation. Delhi wants to destroy our party. Uddhav Thackeray is the only leader of Shiv Sena today: Sanjay Raut pic.twitter.com/a2NPpDVpMq
— ANI (@ANI) July 23, 2022
निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों से दस्तावेज जमा कराने के लिए कहा गया है, जिनमें पार्टी की विधायी और संगठनात्मक इकाइयों से समर्थन का पत्र तथा विरोधी गुटों के लिखित बयान शामिल हैं। इस हफ्ते शिवसेना के शिंदे गुट ने आयोग को पत्र लिखकर पार्टी का 'धनुष-बाण' चुनाव चिह्न उसे देने का अनुरोध किया था। शिंदे गुट ने इसके लिए लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा में उसे मिली मान्यता का हवाला दिया था।
गौरतलब है कि शिवसेना पिछले महीने तब दो धड़ों में बंट गई थी, जब उसके दो-तिहाई से अधिक विधायकों ने उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार से बगावत कर दी थी और शिंदे का समर्थन किया था। शिंदे ने 30 जून को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोग से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। बीते मंगलवार को लोकसभा में शिवसेना के 18 में से कम से कम 12 सांसदों ने सदन के नेता विनायक राउत के प्रति अविश्वास जताया था और राहुल शेवाले को अपना नेता घोषित किया था। लोकसभा अध्यक्ष ने उसी दिन शेवाले को नेता के तौर पर स्वीकृति दे दी थी।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी गुट सूचना से वंचित न रहे, चुनाव आयोग ने पिछले दो दिनों में दोनों समूहों द्वारा सौंपे गए दस्तावेजों के आदान-प्रदान के निर्देश दिए हैं। चुनाव चिह्न को लेकर दावा इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र के राज्य निर्वाचन अयोग को दो सप्ताह के भीतर स्थानीय निकायों के चुनावों को अधिसूचित करने का निर्देश दिया था।