1984 सिख दंगे: दिल्ली हाई कोर्ट ने ठुकराई सज्जन कुमार की याचिका, 31 दिसंबर तक ही करना होगा सरेंडर
By भाषा | Published: December 21, 2018 11:37 AM2018-12-21T11:37:18+5:302018-12-21T14:18:53+5:30
सिख दंगों से जुड़े मामले में दोषी पाये गये सज्जन कुमार ने हाई कोर्ट से आत्म-समर्पण के लिए 31 जनवरी तक का वक़्त माँगा था।
दिल्ली हाई कोर्ट ने 1984 के सिख दंगों के मामले में सजा पा चुके पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की आत्मसमर्पण के लिए और समय माँगने वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि याची सज्जन कुमार का अनुरोध मानने का कोई आधार नहीं नजर आ रहा है।
सज्जन कुमार ने सिख दंगों से जुड़े मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद अदालत से समर्पण के लिए 31 जनवरी तक का वक़्त माँगा था। दिल्ली हाई कोर्ट ने 17 दिसम्बर को सिख दंगों से जुड़े एक मामले में आजीवन कारावस की सजा सुनायी थी।
हाई कोर्ट ने सज्जन कुमार को 31 दिसम्बर तक आत्म-समर्पण करने का आदेश दिया था। सज्जन कुमार ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने की बात कही है। हाई कोर्ट द्वारा दोषी ठहराये जाने के बाद सज्जन कुमार ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में अर्जी देकर आत्मसमर्पण करने के लिए 31 जनवरी तक का समय मांगा है। गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने गत 17 दिसंबर को 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद सज्जन कुमार ने अपना मोबाइल फोन सरेंडर कर दिया।
सज्जन कुमार के वकील ने उच्च अदालत से कहा था कि उन्हें अपने परिवार, बच्चों और संपत्ति से जुड़ी जिम्मेदारियों के लिए भी समय चाहिए। सज्जन कुमार को दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली की पालम कालोनी में राज नगर पार्ट-1 में 1984 में एक और दो नवंबर को पांच सिखों की हत्या और राज नगर पार्ट-2 में गुरुद्वारे में हुई आगजनी मामले में दोषी पाया गया।
सज्जन कुमार सिख दंगों से जुड़े अन्य मामलों में भी अभियुक्त हैं। निचली अदालत में सज्जन कुमार, ब्रह्मानंद गुप्ता और वेद प्रकाश के खिलाफ हत्या और दंगे फैलाने का मुकदमा चल रहा है। यह मामला सुल्तानपुरी निवासी सुरजीत सिंह की हत्या से जुड़ा है।