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गुजरात से रुपाला, मंडाविया, जरदोश को मिली केंद्रीय मंत्रिपरिषद में जगह

By भाषा | Updated: July 7, 2021 21:36 IST

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अहमदाबाद, सात जुलाई प्रभावशाली पटेल समुदाय के नेता पुरुषोत्तम रुपाला, नरेन्द्र मोदी की पहली सरकार में मंत्री मनसुख मंडाविया और तीन बार की सांसद दर्शना जरदोश गुजरात के ऐसे नेता हैं जिन्हें बुधवार को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया।

पुरुषोत्तम रुपाला : गुजरात में प्रभावशाली कड़वा पाटीदार या पटेल समुदाय से आने वाले भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पुरुषोत्तम रुपाला एक सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य रहे और 80 के दशक में भाजपा में शामिल हो राजनीति में आने से पहले पांच साल तक अमरेली नगर निकाय के मुख्य अधिकारी रहे।

अमरेली जिले के रहने वाले रुपाला (68) ने जल्द ही पार्टी में अपनी जगह बना ली और वह 1991 में अमरेली सीट से पहली बार विधायक बने तथा उन्होंने 2002 तक दो और बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया। वह 1995 से 2002 तक तत्कालीन भाजपा सरकार में मंत्री भी रहे।

रुपाला 2006 में भगवा पार्टी की गुजरात ईकाई के अध्यक्ष बने और 2010 तक इस पद पर रहे जब उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। अपने अनूठे और विनोदी वाक् कौशल के लिए पहचाने जाने वाले रुपाला चुनाव प्रचार अभियान के दौरान ग्रामीण जनता को पार्टी के साथ बांधते रहे हैं।

उनके आधिकारिक बायोडेटा के अनुसार, बीएससी और बीएड डिग्री रखने वाले रुपाला 1988 से 1991 तक अमरेली जिला भाजपा के अध्यक्ष रहे और उन्होंने 1991 से 2002 तक तीन बार अमरेली विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।

रुपाला ने 2002 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के परेश धनानी से हारने के बाद फिर कभी राज्य में चुनाव नहीं लड़ा। उन्हें 2008 में राज्यसभा के लिए पहली बार नामांकित किया गया और वह 2014 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। 2016 में उन्हें फिर से गुजरात से राज्यसभा भेजा गया और उन्होंने कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली।

दर्शना जरदोश : तीन दशकों तक गुजरात भाजपा के विभिन्न पदों पर रहने के बाद सूरत से लोकसभा सांसद दर्शना जरदोश नरेन्द्र मोदी सरकार में मंत्री के तौर पर बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।

जरदोश (60) दर्जी समुदाय से आती हैं जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आता है। उन्होंने 2009, 2014 और 2019 में तीन बार सूरत से चुनाव जीता।

उनके आधिकारिक बायोडेटा के अनुसार, जरदोश 1980 के दशक में सूरत भाजपा की वार्ड नंबर आठ समिति की उपाध्यक्ष रहीं और बाद में 2000 में इसी वार्ड से पार्षद निर्वाचित हुईं। इसके बाद उन्हें सूरत भाजपा की महिला ईकाई का अध्यक्ष बनाया गया और फिर से 2008 तक प्रदेश भाजपा की महिला ईकाई का महासचिव बनाया गया।

सूरत से 2009 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ते हुए जरदोश ने कांग्रेस के धीरू गजेरा को 74,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया। जरदोश 2014 और 2019 में दोनों बार पांच लाख से अधिक मतों से आम चुनावों में विजयी हुई।

जरदोश 2009 में सांसद बनने के बाद संसद की विभिन्न समितियों की सदस्य रहीं जैसे कि रसायन और उर्वरकों पर समिति, महिला सशक्तिकरण, वित्त और कारोबार परामर्श पर समिति।

मनसुख मंडाविया : गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र से भाजपा नेता मनसुख मंडाविया 2016 से केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार में एक अहम युवा चेहरे रहे हैं। उन्हें पांच जुलाई 2016 को सबसे पहले सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, जहाजरानी और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री के तौर पर केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया था। उन्होंने 30 जुलाई 2019 को फिर से रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली और पोत, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार संभाला।

भावनगर जिले के हनोल गांव में एक जुलाई 1972 को एक किसान परिवार में जन्मे मंडाविया सबसे पहले 2012 में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए और 2018 में फिर से राज्यसभा सदस्य बने। इससे पहले वह गुजरात एग्रो इंडस्ट्रीज कोरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष भी रहे।

उन्होंने आरएसएस की छात्र ईकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और बाद में भाजपा की युवा ईकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम) में शामिल हो गए।

मंडाविया 2002 में गुजरात में तब सबसे युवा विधायक बने जब उन्हें पालिताणा निर्वाचन क्षेत्र से चुना गया। भावनगर विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में परास्नातक मंडाविया को लंबी पदयात्रा कराने के लिए जाना जाता है।

उन्हें 2013 में प्रदेश भाजपा का सबसे युवा सचिव बनाया गया और 2014 में महासचिव बनाया गया। साथ ही 2014 में उन्हें भाजपा के सदस्यता अभियान का प्रभारी बनाया गया जिसमें एक करोड़ लोगों को पार्टी में शामिल किया गया। 2015 में उन्हें संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया जहां उन्होंने ‘2030 सतत विकास एजेंडा’ पर भाषण दिया।

केंद्रीय मंत्री के तौर पर उन्हें किफायती दरों पर 850 से अधिक औषधियां मुहैया कराने वाले 5,100 से अधिक जन औषधि केंद्र खोलने और हृदय के स्टेंट और घुटने के प्रतिरोपण की कीमत कम करने का श्रेय दिया जाता है।

यूनीसेफ ने उन्हें 10 करोड़ सैनिटरी पैड बेचने के लिए जन औषधि केंद्रों की श्रृंखला का इस्तेमाल कर महिला माहवारी स्वच्छता में योगदान देने के लिए सम्मानित किया था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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