तमिलनाडु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 45 जगहों पर करेगा मार्च, पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 16, 2023 03:18 PM2023-04-16T15:18:44+5:302023-04-16T15:24:46+5:30
मद्रास हाईकोर्ट की अनुमति के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तमिलनाडु में 45 स्थानों पर रूट मार्च करने जा रहा है। इसे लेकर तमिलनाडु पुलिस ने पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दी है।
चेन्नई: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मद्रास हाईकोर्ट की अनुमति के बाद राज्य भर में 45 स्थानों पर रूट मार्च करने जा रहा है। इसे लेकर तमिलनाडु पुलिस ने पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दी है। जानकारी के अनुसार आरएसएस का रूट मार्च सूबे के 45 अलग-अलग स्थानों पर शाम को 4 बजे से शाम 6 बजे निकलेगा और मार्च का समापन संघ के नेताओं के भाषणके साथ होगा।
आरएसएस का यह मार्च इस कारण महत्वपूर्ण और संवेदनशील है क्योंकि आरएसएस ने इसके लिए सबसे पहले अक्टूबर 2022 में तमिलनाडु पुलिस से आज्ञा मांगी थी लेकिन पुलिस ने संघ को यह कहते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया कि मार्च निकाले जाने का कारण हिंसक झड़पें हो सकती हैं।
तमिलनाडु पुलिस ने केंद्र सरकार द्वारा सितंबर 2022 में इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर लगाये गये प्रतिबंध का हवाला देते हुए कहा था कि कहा कि अगर आरएसएस का रूट मार्च होता तो राज्य के कुछ हिस्सों में उसके खिलाफ हमले हो सकते हैं या कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है।
तमिलनाडु पुलिस के इनकार के बाद आरएसएस ने मामले में मद्रास हाईकोर्ट का रूख किया और हाईकोर्ट की सिंगल बेंच से संघ को तीन स्थानों कुड्डालोर, पेर्मबलूर और कल्लाकुरिची में मार्च के आयोजन की अनुमति दी। कोर्ट के फैसले के आधार पर संघ ने 6 नवंबर 2022 को कुड्डालोर, पेर्मबलूर और कल्लाकुरिची में मार्च निकाला और कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।
इसके बाद आरएसएस ने पूरे सूबे में मार्च निकालने की अनुमति लेने के लिए मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा एक बार फिर से खटखटाया, जिसने सिंगल बेंच के आदेश को रद्द करते हुए आदेश दिया कि संघ पूरे राज्य में रूट मार्च निकाल सकता है। हाइकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए तमिलनाडु सरकार की अपील खारिज कर दी।
संघ द्वारा आज निकाले जा रहे मार्च के संबंध में तमिलनाडु के डीजीपी सी सिलेंद्रबाबू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार आरएसएस को राज्य में 45 स्थानों पर रूट मार्च निकालने की अनुमति दी गई है। राज्य के जिन इलाकों से संघ का रूट मार्च निकलना है, पुलिस सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है।
इसके साथ ही पुलिस ने आरएसएस को आदेश दिया है कि स्वयंसेवक रूट मार्च के दौरान 'डंडा' लेकर नहीं चलेंगे और न ही मार्च के दौरान उत्तेजक नारे लगाएंगे। इसके साथ ही आरएसएस को एम्बुलेंस सेवाओं सहित अपनी प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल की व्यवस्था को भी बनाये रखने का आदेश दिया गया है।