आरएसएस पर महिला विरोधी होने के आरोप पर मोहन भागवत ने दिया ये जवाब, कांग्रेस ने उठाए थे सवाल
By पल्लवी कुमारी | Published: September 18, 2018 05:26 AM2018-09-18T05:26:12+5:302018-09-18T05:26:12+5:30
संघ के इस तीन दिवसीय कार्यक्रम से लगभग सभी बड़े विपक्षी दलों ने दूरी बनाई जिन्हें आमंत्रित किया गया था।
नई दिल्ली, 18 सितम्बर: कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही के एक बयान में कहा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर पुरुषों का वर्चस्व है। वहां महिलाओं का कोई रोल नहीं है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि महिलाएं संघ का विभिन्न गतिविधियों में सक्रिय सहयोग कर रही हैं और समाज के कल्याण में उन्हें शामिल करने के लिए एक समानांतर संगठन की स्थापना की गई है।
भागवत ने यहां विज्ञान भवन में अयोजित अपने तीन दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला के पहले दिन ही ये साफ कर दिया कि कि संघ केवल ‘‘संन्यासियों’’ का नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ऐसे भी स्वयंसेवक हैं जो विवाहित हैं और उनकी पत्नी एवं माता सक्रिय रूप से संघ की गतिविधियों में सहयोग करती रहती हैं।
भागवत ने कहा, महिलाएं भी संघ के कार्य में सक्रिय रूप से योगदान करती हैं और महिलाओं के लिए एक समानांतर संगठन, राष्ट्र सेविका समिति है जो कि समाज के कल्याण के लिए संघ की विचारधारा पर कार्य करता है। भागवत ने कहा कि संघ का वित्तपोषण केवल अपने स्वयंसेवकों द्वारा दिये गए दान पर होता है। एक भी पैसा बाहर से नहीं लिया जाता और यदि कोई देता भी है तो संगठन लौटा देता है।
संघ में महिलाओं की भागीदारी के सवाल पर भागवत का कहना था कि डा . हेडगेवार के समय ही यह तय हुआ था कि राष्ट्र सेविका समिति महिलाओं के लिए संघ के समानांतर कार्य करेगी। उन्होंने साफ किया कि इस सोच में बदलाव की जरूरत यदि पुरुष व महिला संगठन दोनों ओर से महसूस की जाती है तो विचार किया जा सकता है अन्यथा यह ऐसे ही चलेगा।
संघ के इस तीन दिवसीय कार्यक्रम से लगभग सभी बड़े विपक्षी दलों ने दूरी बनाई जिन्हें आमंत्रित किया गया था। हालांकि इसमें भाजपा के कई नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के साथ बॉलीवुड अभिनेता, कलाकार और शिक्षाविदों ने भाग लिया।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)