'संघ का मुखपत्र तिरंगे के तीन रंगों को अशुभ कहता है, प्रधानमंत्री बताएं यह सही है या गलत'- असदुद्दीन ओवैसी
By शिवेंद्र राय | Published: August 4, 2022 04:29 PM2022-08-04T16:29:28+5:302022-08-04T16:31:18+5:30
प्रधानमंत्री की अपील के बाद भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सोशल मीडिया पर प्रोफाइल पिक्चर में तिरंगे की फोटो नहीं लगाई गई है। ओवैसी सहित कई नेता इसे लेकर ही भाजपा और संघ पर निशाना साध रहे हैं।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को लेकर पिछले कुछ दिनों से जारी राजनीतिक बयानबाजी में अब एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी कूद पड़े हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर निशाना साधा है। ओवैसी ने कहा, "मैंने अपने ट्वीट के जरिए कहा कि आर्गनाइजर पत्रिका आरएसएस का मुखपत्र है। उनके 1947 के एक संस्करण में 17 जुलाई को देश के राष्ट्रीय ध्वज को भगवा करने की मांग की गई। आरएसएस का मुखपत्र यह कहता है। प्रधानमंत्री कहते हैं कि आरएसएस उनकी नींव है और उन्हें इससे प्रेरणा मिली। आरएसएस की पत्रिका कहती है कि झंडे में तीन रंग बुरे हैं। मैं प्रधानमंत्री से सवाल करता हूं कि उन्होंने जो कहा है वह सही है या गलत, पीएम को स्पष्ट करना चाहिए।"
Delhi| I said via my tweet that organizer magazine is mouthpiece of RSS. One of their issue in 1947 on July 17, demanded country's national flag be saffron. RSS mouthpiece says this & PM says RSS is his foundation & he found inspiration from it: AIMIM chief Asaduddin Owaisi (1/2) pic.twitter.com/HSCa9Hza3k
— ANI (@ANI) August 4, 2022
इससे हले भी एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी राष्ट्रीय ध्वज के मुद्दे पर आरएसएस को घेरते रहे हैं। हाल ही में ओवैसी ने ट्वीट कर कहा था कि प्रधानंत्री सबसे अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर तिरंगे की तस्वीर लगाने को कह रहे हैं लेकिन जिस संगठन से वह प्रेरणा लेते हैं वह भगवा ध्वज को राष्ट्रीय ध्वज बनाना चाहता है। ओवैसी ने कहा कि जब देशभक्त भारतीय स्वतंत्रता का जश्न मना रहे थे तब आरएसएस खुश नहीं था। इसने स्वतंत्रता आंदोलन और आयोजन में कोई भूमिका नहीं निभाई। ओवैसी ने आरोप लगाया कि 14 अगस्त 1947 को आरएसएस ने हिंदू राष्ट्र की मांग करते हुए खुलेआम तिरंगे का अपमान किया था। ओवैसी ने कहा कि आरएसएस की विचारधारा के हिसाब से तीन शब्द अपने आप में एक बुराई हैं और तीन रंगों वाला झंडा निश्चित रूप से बहुत बुरा मनोवैज्ञानिक प्रभाव पैदा करेगा। एआईएमआईएम प्रमुख ने यह भी बताया कि जो बातें वह कह रहे हैं उसका स्त्रोत शमसुल इस्लाम की किताब "हिंदू राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ" है।
.@PMOIndia said #RSS was his “foundation” & “inspiration to live for nation”. He’s asking us to put tiranga DPs & take out rallies, but RSS had rejected independent India & 🇮🇳. RSS mouthpiece Organiser, reflecting its views demanded that bhagwa flag be national flag (17.7.47)1/n
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) August 4, 2022
बता दें कि इस साल भारत आजादी की 75वीं सालगिरह का जश्न मना रहा है। इस जश्न को 'आजादी का अमृत महोत्सव' नाम दिया गया है। इस मौके पर भारत सरकार ने 'हर घर तिरंगा' अभियान की शुरुआत की है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से अपील की है कि 13-15 अगस्त के बीच घर पर तिरंगा फहराया जाए। सरकार का मानना है कि इससे नागरिकों का तिरंगे के साथ रिश्ता और गहरा होगा और नागरिकों में देशभक्ति की भावना प्रबल होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अभियान के अंतर्गत सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफाइल पिक्चर भी तिरंगे की लगाई है। पीएम के बाद भाजपा के कई नेताओं ने अपनी तस्वीर सोशल मीडिया पर बदल दी है। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाथ में तिरंगा लिए जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर को अपनी प्रोफाइल पिक्चर बनाया। लेकिन प्रधानमंत्री की अपील के बाद भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सोशल मीडिया पर प्रोफाइल पिक्चर में तिरंगे की फोटो नहीं लगाई गई है। ओवैसा सहित कई नेता इसे लेकर ही भाजपा और संघ पर निशाना साध रहे हैं।