सांसदों को आपराधिक मामलों में कोई विशेषाधिकार नहीं: राज्यसभा अध्यक्ष एम वेंकैया नायडू
By मनाली रस्तोगी | Published: August 5, 2022 05:46 PM2022-08-05T17:46:23+5:302022-08-05T17:48:38+5:30
केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर विरोधी दल के नेताओं को निशाना बनाए जाने के विपक्ष के आरोपों के मद्देनजर राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि उच्च सदन के सदस्यों को सिविल मामलों में जरूर कुछ विशेषाधिकार मिले हुए हैं लेकिन आपराधिक मामलों में उनके पास ऐसा कोई विशेषाधिकार नहीं है।
नई दिल्ली: राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि सांसद संसदीय सदन के कर्तव्यों का हवाला देते हुए आपराधिक मामलों में गिरफ्तार / हिरासत में लिए जाने / पूछताछ से छूट का लाभ नहीं उठा सकते हैं। उन्होंने कहा, "पिछले 2-3 दिनों में जो कुछ भी हुआ है, मैं एक बात स्पष्ट करना चाहता हूं। संसद के सदस्यों के बीच एक गलत धारणा है कि उन्हें सत्र के दौरान एजेंसियों द्वारा कार्यों से विशेषाधिकार प्राप्त है। मैंने गंभीरता से विचार किया है और सभी पूर्वता की जांच की है।"
उपराष्ट्रपति ने आगे संविधान के अनुच्छेद 105 का हवाला दिया और कहा कि सांसदों को बिना किसी बाधा के कुछ विशेषाधिकार प्राप्त हैं। वेंकैया नायडू ने कहा, "विशेषाधिकारों में से एक यह है कि किसी सांसद को दीवानी मामले में सत्र या समिति की बैठक शुरू होने से 40 दिन पहले और उसके 40 दिन बाद गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। हालांकि, आपराधिक मामलों में, सांसद एक आम नागरिक से अलग पायदान पर नहीं होते हैं। इसका मतलब है कि सांसद को सत्र के दौरान या अन्यथा आपराधिक मामले में गिरफ्तार होने से छूट का आनंद नहीं मिलता है।"
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू का बयान कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के 4 अगस्त को तर्क देने के बाद सामने आया, जब उन्होंने कहा था कि ईडी का उन्हें समन अनुचित था क्योंकि सत्र चल रहा है। उन्होंने कहा था, "सत्र चल रहा है। मैं एक सांसद और विपक्ष का नेता हूं। लेकिन मुझे ईडी की ओर से समन तब मिला जब संसद मुझसे जल्दी आने को कह रही थी। और दूसरी बात यह है कि मुझे दोपहर 12:30 बजे जाना है। मैं कानून के अनुसार इससे बचना नहीं चाहता। मैं कानून का पालन करना चाहता हूं। लेकिन जब संसद का सत्र चल रहा हो तो क्या मुझे बुलाना उचित है?"