“आत्महत्या की रोकथाम और हस्तक्षेप की रणनीति“ पर रोटरी की पैनल चर्चा

By अनुभा जैन | Published: November 24, 2022 07:03 PM2022-11-24T19:03:11+5:302022-11-24T20:51:28+5:30

आत्महत्या की रोकथाम के प्रयासों के लिए कई क्षेत्रों के बीच समन्वय की जरूरत होती है, और प्रयासों को एकीकृत किया जाना चाहिए क्योंकि अकेले कोई भी दृष्टिकोण आत्महत्या जैसे जटिल मुद्दे पर प्रभाव नहीं डाल सकता है।

Rotary's panel discussion on "Suicide Prevention and Intervention Strategies" | “आत्महत्या की रोकथाम और हस्तक्षेप की रणनीति“ पर रोटरी की पैनल चर्चा

“आत्महत्या की रोकथाम और हस्तक्षेप की रणनीति“ पर रोटरी की पैनल चर्चा

Highlightsअकेलापन और अलगाव आज आत्महत्या के लिए प्रमुख कारक हैआत्महत्या की रोकथाम के प्रयासों को एकीकृत करने के साथ कई क्षेत्रों के बीच समन्वय की आवश्यकता हैःलोग स्वीकार नहीं करना चाहते कि वे मानसिक बीमारी से जूझ रहे हैं

बैंगलोर: “मानसिक स्वास्थ्य और संबंध टूटने जैसे कारकों के अलावा आज आत्महत्या के लिए अन्य प्रमुख कारण अलगाव और अकेलापन भी हैं। सामाजिक तौर पर कटाव एक सोचने वाली बात है। हम सामाजिक रूप से जुड़े हुए इंसान हैं लेकिन कभी-कभी यह सामाजिक जुड़ाव व्यक्तिगत चीज बन जाता है। जब हम आत्महत्या के कारणों के बारे में सोचते हैं तो एक अकेला व्यक्ति, एक प्रमुख जोखिम कारक होगा। यह बात डॉ. जैक्की बार्नफील्ड ने डिस्टिरिक्ट 3190 रोटरी बैंगलोर साउथवेस्ट की अंतर्राष्ट्रीय सेवा टीम द्वारा रोटरी ईक्लब मेलबर्न के संयुक्त सहयोग से  23 नवंबर, 2022 को आयोजित पैनल चर्चा में संबोधित करते हुए कही।  इस सत्र का संचालन पत्रकार लेखिका अनुभा जैन ने किया, जो रोटरी बैंगलोर साउथवेस्ट के अंतर्राष्ट्रीय सेवा विभाग में निदेशक हैं।

पत्रकार अनुभा पैनल के साथ बातचीत कर रही थीं जिसमें डॉ. जैक्की बार्नफ़ील्ड, निदेशक क्लिनिकल सर्विसिज, मेन्सलाइन संगठन, ऑस्ट्रेलिया, और मीनाक्षी.आर.नागवेकर, सिस्टर्स लिविंग वर्क्स, मुंबई स्थित एनजीओ के निदेशक शामिल थी। डॉ. जैक्की ने आगे कहा कि लोग इसलिए आत्महत्या कर लेते हैं क्योंकि वे अलग तरह के नजरिए से गुजरते हैं। उस दौरान अगर वे दोस्ताना माहौल में किसी से खुलकर बात करते हैं तो यह वास्तव में उनके लिए एक बड़ी मदद होगी जो उनके आत्महत्या के प्रयास के फैसले को भी बदल सकती है।

इंटरनेशनल सर्विस रोटरी बैंगलोर साउथवेस्ट की निदेशक और पत्रकार अनुभा जैन ने कहा कि वैश्विक स्तर पर हाल ही में आत्महत्या की दर में वृद्धि ने आत्महत्या पर ध्यान केंद्रित किया है। दुनिया भर में और विशेष रूप से भारत में बुजुर्गों से युवा लोगों में आत्महत्या की प्रवृत्ति में स्पष्ट बदलाव आया है। आत्महत्या को संबोधित करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य व नीति एजेंडे में आत्महत्या की रोकथाम को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। 

आत्महत्या की रोकथाम के प्रयासों के लिए कई क्षेत्रों के बीच समन्वय की जरूरत होती है, और प्रयासों को एकीकृत किया जाना चाहिए क्योंकि अकेले कोई भी दृष्टिकोण आत्महत्या जैसे जटिल मुद्दे पर प्रभाव नहीं डाल सकता है। हाल ही में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीति प्रकाशित की है जो आत्महत्या से निपटने के लिए सरकार की स्पष्ट दृष्टि और प्रतिबद्धता को दर्शाती है। जैन ने आगे कहा कि देशों के लिए आत्महत्या को रोकने में प्रगति करने के लिए सामुदायिक जागरूकता बढ़ाना और वर्जनाओं को तोड़ना महत्वपूर्ण है।

ई-क्लब मेलबर्न से रोटेरियन  शॉर्लेट डॉस ने स्पीकर मीनाक्षी.आर.नागवेकर से आत्महत्या और मानसिक स्वास्थ्य  पर लोगों से किस प्रकार खुलकर चर्चा करने जैसे विषय पर विस्तार से बात की। जवाब देते हुये मीनीक्षी ने कहा कि कमजोर मानसिकता वाले लोग इस विषय पर चर्चा करने से बचने की कोशिश करते हैं। वे इसके बारे में खुले तौर पर बात नहीं करते हैं और यह स्वीकार नहीं करना चाहते हैं कि वे एक मानसिक स्वास्थ्य बीमारी या समस्या का सामना कर रहे हैं जिसे संबोधित करने की आवश्यकता है। 

मीनाक्षी ने कहा कि यह चिंता का विषय है और पुरुषों की तुलना में शहरी शिक्षित गृहिणियों में आत्महत्या की संख्या अधिक देखने को मिलती है। यह उचित समय है, समुदाय के समर्थन के साथ, हमें चुप्पी तोड़ने और आत्महत्या व इससे जुड़े कपोल कल्पनाओं के बारे में बात करने का।

रोटरी बैंगलोर नागरभवी से डॉक्टर और मनोवैज्ञानिक डॉ. पद्माक्षी लोकेश ने भी इस विषय पर अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम में बैंगलोर और कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों से 32 रोटरी क्लबों ने संयुक्त भागीदार क्लब के रूप में भाग लिया। वैश्विक स्तर पर 80 से अधिक प्रतिभागी बैठक में शामिल हुए। प्रेसिडेंट रोटरी बंगलौर साउथवेस्ट डिस्टिरिक्ट 3190 रोटेरियन संदीप राजा ने स्वागत भाषण दिया। प्रेसिडेंट रोटरी ईक्लब ऑफ मैल्बर्न सैक्सन मिशेल ने भी कुछ शब्द बोले।

डीजी 9640 रोटेरियन कैरेन थॉमस;  ई-क्लब  मेलबर्न  से कार्यक्रम समन्वयक रोटेरियन शॉर्लेट डॉस और रोटेरियन मधुमिता बिष्णु; डिस्टिरिक्ट 3190 से अंतर्राष्ट्रीय सेवा निदेशक रोटेरियन रश्मी तंकसाली व रोटेरियन शंकर शास्त्री; पीडीजी डॉ. समीर हरियानी; पीडीजी राजेंद्र राय; रोटेरियन डॉ. रूपा हरियानी; रोटेरियन कार्तिक किट्टू; रोटेरियन बीएन कृष्णमूर्ति; रोटेरियन वेंकटेश एमएन सहित अन्य विशिष्ट अतिथि और दुनिया भर के रोटेरियन भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। अंत में धन्यवाद ज्ञापन रोटरी बैंगलोर साउथवेस्ट से रोटेरियन डॉ. अरुण अदकोली ने दिया। 

Web Title: Rotary's panel discussion on "Suicide Prevention and Intervention Strategies"

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