राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की एकबार फिर से बढ़ सकती हैं मुश्किलें, चारा घोटाले में सुनवाई तेज, फिर जाना पड़ सकता है जेल
By एस पी सिन्हा | Updated: August 8, 2021 15:30 IST2021-08-08T15:29:56+5:302021-08-08T15:30:59+5:30
चार माह पहले ही झारखंड हाईकोर्ट ने सीबीआइ कोर्ट को छह माह में सुनवाई पूरी कर लेने के लिए कहा था. इसमें चार माह बीत चुके हैं. ऐसे में अब मात्र दो माह बचे हैं.

गौरतलब है कि लालू प्रसाद यादव अभी जमानत पर जेल से बाहर हैं.
पटनाः राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर एकबार फिर से जेल जाने का खतरा मंडराने लगा है. चारा घोटाले से जुडे़ सबसे बडे़ मामले में कोर्ट का फैसला जल्द आने की उम्मीद है. अगर इस मामले में फैसला लालू के खिलाफ आता है तो उन्हें फिर से जेल जाना पड़ सकता है.
ऐसे में चारा घोटाले के अन्य मामलों में जमानत पर चल रहे लालू प्रसाद यादव को एक बार फिर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. यहां बता दें कि चारा घोटाले से जुडे डोरंडा कोषागार घोटाले में अभियोजन पक्ष ने अपनी बहस पूरी कर ली है. अब सीबीआइ के विशेष जज एसके शशि की अदालत ने अभियुक्त पक्ष को बहस के लिए सोमवार का समय दिया है.
जिसके बाद अगले दो माह के अंदर कोर्ट अपना सुना सकती है. ऐसे में अब देखना यह है कि लालू प्रसाद यादव के मामले में दो माह में फैसला आता है या नहीं. उल्लेखनीय है कि चार माह पहले ही झारखंड हाईकोर्ट ने सीबीआइ कोर्ट को छह माह में सुनवाई पूरी कर लेने के लिए कहा था. इसमें चार माह बीत चुके हैं. ऐसे में अब मात्र दो माह बचे हैं.
इस दौरान सुनवाई पूरी कर लेनी है. सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने कुल 27 निर्धारित तारीखों में बहस पूरी की. इसमें फिजिकल कोर्ट के 12 दिन शामिल हैं. मामला डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ 35 लाख रुपये की अवैध निकासी का है.
सीबीआई ने इस मामले में केस संख्या-आरसी 47ए/96 दर्ज किया था जिसमें लालू प्रसाद यादव के साथ साथ पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ. आरके राणा समेत 110 अभियुक्त बनाये गये थे. लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले से जुडे पांच मामले में अभियुक्त हैं. चार मामलों में कोर्ट का फैसला आ चुका है. लालू यादव को सभी मामलों में सजा सुनाई गई है.
चारा घोटाले के पांचवे औऱ लालू से जुडे़ आखिरी मामले में रांची की सीबीआई कोर्ट में तेजी से सुनवाई हो रही है. बचाव पक्ष की ओऱ से बहस पूरी होने के बाद कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुनायेगी. इस मामले में बचाव पक्ष की गवाही भी पूरी हो चुकी है. गौरतलब है कि लालू प्रसाद यादव अभी जमानत पर जेल से बाहर हैं.
दिल्ली में रहते हुए वह राजनीतिक तौर पर भी सक्रिए हो गये है. लेकिन अब जैसे-जैसे केस की सुनवाई पूरी हो रही है, लालू परिवार समेत उनके समर्थकों को चिंता बढ़ने लगी है. लोगों का मानना है कि इस मामले में अगर मनोनुकूल फैसला नहीं आया तो कहीं लालू यादव को एक बार फिर जेल जाने की नौबत न आ जए!